नई दिल्ली: भारत में म्यूचुअल फंडों ने वर्तमान में अडाणी कंपनियों में 41,814 करोड़ रुपये का निवेश किया है. मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार लेटेस्ट हिंडनबर्ग रिपोर्ट के कारण ये सभी कंपनियां अब फोकस में हैं.
अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च एलएलसी की नई रिपोर्ट में व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों का हवाला देते हुए आरोप लगाया गया है कि सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के पास ऑफशोर फंड्स में हिस्सेदारी है, जिसे हिंडनबर्ग "अडाणी मनी साइफनिंग स्कैंडल" कहता है. माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने आरोपों से इनकार करते हुए इन्हें“निराधार और चरित्र हनन का प्रयास बताया है.
अडाणी समूह की सभी कंपनियां कौन-कौन सी हैं?
वर्तमान में अडानी समूह की 11 कंपनियां भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्ट हैं. इनमें एसीसी, अंबुजा सीमेंट्स, अडाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड, अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस, अडाणी एंटरप्राइजेज, अडाणी ग्रीन एनर्जी, अडाणी पावर, अडाणी टोटल गैस, अडाणी विल्मर, न्यू दिल्ली टेलीविजन (एनडीटीवी) और सांघी इंडस्ट्रीज शामिल हैं. हालांकि, मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, म्यूचुअल फंडों का एनडीटीवी में निवेश नहीं है.
म्यूचुअल फंड ने अडाणी के शेयरों में कितना निवेश किया है?
अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड में म्यूचुअल फंड द्वारा सबसे ज्यादा 13,024.22 करोड़ रुपये का निवेश किया गया, जो 111 फंडों में फैला हुआ था. वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, अंबुजा सीमेंट्स ने 8,999.25 करोड़ रुपये का निवेश किया, जबकि एसीसी ने 7,668.38 करोड़ रुपये और अडाणी एंटरप्राइजेज ने 7,290.63 करोड़ रुपये का निवेश किया.