नई दिल्ली : भारत ने शुक्रवार को संशोधित नागरिकता अधिनियम (CAA) के खिलाफ अमेरिका सहित विभिन्न पक्षों द्वारा की जाने वाली आलोचना को दृढ़ता से खारिज करते हुए कहा कि संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए प्रशंसनीय पहल के बारे में वोट-बैंक की राजनीति के आधार पर दृष्टिकोण तय नहीं किए जाने चाहिए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि जिन लोगों को भारत की बहुलतावादी परंपराओं और क्षेत्र के विभाजन के बाद के इतिहास की सीमित समझ है, उनके लिए बेहतर होगा कि वे व्याख्यान देने का प्रयास नहीं करें.
उन्होंने यह कड़ी टिप्पणी प्रेस वार्ता में उस समय की गयी जब उनसे वाशिंगटन और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से सीएए के खिलाफ आलोचना के बारे में पूछा गया. कानून को भारत का आंतरिक मामला बताते हुए जायसवाल ने कहा, 'सीएए नागरिकता देने के बारे में है, नागरिकता छीनने के बारे में नहीं. यह नागरिकता के मुद्दे को संबोधित करता है, मानवीय गरिमा प्रदान करता है और मानवाधिकारों का समर्थन करता है.'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'जहां तक सीएए को लागू करने के बारे में अमेरिकी विदेश विभाग के बयान का संबंध है, हमारा मानना है कि यह गलत, आधी-अधूरी जानकारी वाला और अवांछित है. उन्होंने कहा कि सीएए, 2019 भारत की समावेशी परंपराओं और मानवाधिकारों के प्रति दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को ध्यान में रखकर लाया गया है. जायसवाल ने कहा, 'यह अधिनियम अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है, जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश किया था.'
उन्होंने कहा, 'भारत के साझेदारों और शुभचिंतकों को उस मंशा का स्वागत करना चाहिए जिसके साथ यह कदम उठाया गया है.'
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