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हत्थे चढ़ा साइबर ठग गिरोह सरगना, ऑनलाइन ट्रेडिंग के जरिए करता था ठगी, 9 राज्यों की पुलिस को थी तलाश - Uttarakhand STF arrested cyber thug - UTTARAKHAND STF ARRESTED CYBER THUG

Uttarakhand STF Arrested Cyber Thug उत्तराखंड एसटीएफ ने ऑनलाइन ट्रेडिंग धोखाधड़ी में शामिल गिरोह के सरगना को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. ठग को 9 राज्यों की पुलिस तलाश कर रही थी. ठग अभी तक कई लोगों को 1.4 करोड़ रुपए का चूना लगा चुका है.

Uttarakhand STF Arrested Cyber Thug
साइबर ठग गिरोह का सरगना गिरफ्तार (PHOTO- ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 29, 2024, 3:59 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड एसटीएफ ने सोशल मीडिया साइट्स में विज्ञापनों के जरिए ऑनलाइन ट्रेडिंग कर अधिक मुनाफा कमाने का लालच देकर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया है. जांच में सामने आया है कि साइबर ठग अभी तक 1.4 करोड़ की ठगी कर चुका है. साइबर ठग से कई सिमकार्ड्स, बैंक पासबुक और चेक बुक बरामद हुई है.

उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक, नैनीताल निवासी ने 18 जून को शिकायत दर्ज कराई थी कि पीड़ित को एक शख्स ने एक व्हाट्सअप ग्रुप में जोड़ा था. ग्रुप के जरिए स्टॉक इन्वेस्टमेंट के जरिए ज्यादा रुपए कमाने का लालच देकर एप्लीकेशन डाउनलोड कर इंवेस्ट करने के लिए बताया गया. इसके बाद इस एप्लीकेशन में लगभग 90 लाख रुपये की धनराशी धोखाधड़ी से जमा कराई गई. साइबर पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मुकदमा दर्ज करते हुए छानबीन शुरू की.

साइबर क्राइम पुलिस ने साइगर गिरोह द्वारा प्रयोग किए गए बैंक खातों, मोबाइल नंबर, जीमेल अकाउंट, व्हाट्सएप की जानकारी के लिए संबंधित बैंकों, सर्विस प्रदाता कंपनी मेटा और गूगल कंपनियों से डेटा प्राप्त किया. प्राप्त डेटा की जानकारी में सामने आया कि साइबर अपराधियों ने ठगी के लिए दूसरे व्यक्तियों के नाम से जारी सिम कार्ड और बैंक खातों का प्रयोग किया है.

एसटीएफ की जांच में सामने आया कि भवतिका हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड नाम से रजिस्टर्ड फर्म संचालन करने की आड़ में सरगना स्थानीय लोगों को इलाज के लिए नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध कराने का हवाला देकर ऑनलाइन ट्रेडिंग का काम करता है. इस पर उत्तराखंड एसटीएफ ने दिल्ली से गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया. एसटीएफ ने सरगना के कब्जे से एक मोबाइल, 6 चेक बुक, 6 पासबुक, बैंक चेक, 6 डेबिट कार्ड, अलग-अलग कंपनी के 33 सिम कार्ड, फर्जी मुहर और पेमेंट के लिए क्यूआर स्केनर आदि सामान बरामद किया. साइबर पुलिस की जांच पड़ताल में आरोपी के मोबाइल फोन में कई ईमेल एकाउंट, बैंक खाते, फर्जी फर्म और कंपनियों के नाम, फोटो और दस्तावेज बरामद हुए हैं.

अपराध का तरीका: आरोपी द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रेडिंग बिजनेस का विज्ञापन प्रसारित कर लिंक के माध्यम से वाट्सअप ग्रुप में जोड़ कर ऑनलाइन ट्रेडिंग करने और मोबाइल में एल्टास फंड (Eltas Fund) एप्लीकेशन डाउनलोड कर नए शेयर के जारी होने वाले (IPO) में तीन गुना तक का मुनाफा कमाने का झांसा देकर इंवेस्ट के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी की जा रही थी. अपराधी द्वारा धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को अलग-अलग बैंक खातों में प्राप्त कर धनराशि को एटीएम के माध्यम से निकाला जाता था. आरोपी इसके लिए फर्जी सिम और फर्जी खातों का प्रयोग करता था. पीड़ित को लालच का झांसा देने के लिए मोबाइल एप्लीकेशन में मुनाफे की धनराशि पीड़ित को उसके डैशबोर्ड पर दिखाई जाती थी. जिससे पीड़ित आसानी से भरोसा करते थे.

पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने कई लोगों के नाम से फर्जी फर्म बनाकर बैंक खाते खोले हैं, जिनका प्रयोग वह खुद भी करता है. साथ ही गैंग के अन्य सदस्यों को अहमदाबाद में उपलब्ध कराता है. इसके लिए प्रत्येक खाते के लिए 40 हजार से 1 लाख रुपए तक कमीशन के रूप में और साइबर अपराध के जरिए ठगी जाने वाली राशि में भी 10 से 20 प्रतिशत तक का कमीशन लेता है. बैंक खातों में लिंक मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी को इटंरनेट बैंकिग के लिए प्रयोग करता था.

एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि आरोपी ने भवतिका हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से खोले गए खातों के खिलाफ दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड आदि राज्यों में कुल 11 ऑनलाइन शिकायतें दर्ज हैं. ठग अभी तक 1.4 करोड़ रुपए की ठगी कर चुका है.

ये भी पढ़ेंः निवेश के नाम पर रकम दोगुनी करने के मामले में आरोपी गिरफ्तार, लोगों को लगाया है करोड़ों रुपए का चूना

देहरादूनः उत्तराखंड एसटीएफ ने सोशल मीडिया साइट्स में विज्ञापनों के जरिए ऑनलाइन ट्रेडिंग कर अधिक मुनाफा कमाने का लालच देकर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया है. जांच में सामने आया है कि साइबर ठग अभी तक 1.4 करोड़ की ठगी कर चुका है. साइबर ठग से कई सिमकार्ड्स, बैंक पासबुक और चेक बुक बरामद हुई है.

उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक, नैनीताल निवासी ने 18 जून को शिकायत दर्ज कराई थी कि पीड़ित को एक शख्स ने एक व्हाट्सअप ग्रुप में जोड़ा था. ग्रुप के जरिए स्टॉक इन्वेस्टमेंट के जरिए ज्यादा रुपए कमाने का लालच देकर एप्लीकेशन डाउनलोड कर इंवेस्ट करने के लिए बताया गया. इसके बाद इस एप्लीकेशन में लगभग 90 लाख रुपये की धनराशी धोखाधड़ी से जमा कराई गई. साइबर पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मुकदमा दर्ज करते हुए छानबीन शुरू की.

साइबर क्राइम पुलिस ने साइगर गिरोह द्वारा प्रयोग किए गए बैंक खातों, मोबाइल नंबर, जीमेल अकाउंट, व्हाट्सएप की जानकारी के लिए संबंधित बैंकों, सर्विस प्रदाता कंपनी मेटा और गूगल कंपनियों से डेटा प्राप्त किया. प्राप्त डेटा की जानकारी में सामने आया कि साइबर अपराधियों ने ठगी के लिए दूसरे व्यक्तियों के नाम से जारी सिम कार्ड और बैंक खातों का प्रयोग किया है.

एसटीएफ की जांच में सामने आया कि भवतिका हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड नाम से रजिस्टर्ड फर्म संचालन करने की आड़ में सरगना स्थानीय लोगों को इलाज के लिए नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध कराने का हवाला देकर ऑनलाइन ट्रेडिंग का काम करता है. इस पर उत्तराखंड एसटीएफ ने दिल्ली से गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया. एसटीएफ ने सरगना के कब्जे से एक मोबाइल, 6 चेक बुक, 6 पासबुक, बैंक चेक, 6 डेबिट कार्ड, अलग-अलग कंपनी के 33 सिम कार्ड, फर्जी मुहर और पेमेंट के लिए क्यूआर स्केनर आदि सामान बरामद किया. साइबर पुलिस की जांच पड़ताल में आरोपी के मोबाइल फोन में कई ईमेल एकाउंट, बैंक खाते, फर्जी फर्म और कंपनियों के नाम, फोटो और दस्तावेज बरामद हुए हैं.

अपराध का तरीका: आरोपी द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रेडिंग बिजनेस का विज्ञापन प्रसारित कर लिंक के माध्यम से वाट्सअप ग्रुप में जोड़ कर ऑनलाइन ट्रेडिंग करने और मोबाइल में एल्टास फंड (Eltas Fund) एप्लीकेशन डाउनलोड कर नए शेयर के जारी होने वाले (IPO) में तीन गुना तक का मुनाफा कमाने का झांसा देकर इंवेस्ट के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी की जा रही थी. अपराधी द्वारा धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को अलग-अलग बैंक खातों में प्राप्त कर धनराशि को एटीएम के माध्यम से निकाला जाता था. आरोपी इसके लिए फर्जी सिम और फर्जी खातों का प्रयोग करता था. पीड़ित को लालच का झांसा देने के लिए मोबाइल एप्लीकेशन में मुनाफे की धनराशि पीड़ित को उसके डैशबोर्ड पर दिखाई जाती थी. जिससे पीड़ित आसानी से भरोसा करते थे.

पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने कई लोगों के नाम से फर्जी फर्म बनाकर बैंक खाते खोले हैं, जिनका प्रयोग वह खुद भी करता है. साथ ही गैंग के अन्य सदस्यों को अहमदाबाद में उपलब्ध कराता है. इसके लिए प्रत्येक खाते के लिए 40 हजार से 1 लाख रुपए तक कमीशन के रूप में और साइबर अपराध के जरिए ठगी जाने वाली राशि में भी 10 से 20 प्रतिशत तक का कमीशन लेता है. बैंक खातों में लिंक मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी को इटंरनेट बैंकिग के लिए प्रयोग करता था.

एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि आरोपी ने भवतिका हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से खोले गए खातों के खिलाफ दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड आदि राज्यों में कुल 11 ऑनलाइन शिकायतें दर्ज हैं. ठग अभी तक 1.4 करोड़ रुपए की ठगी कर चुका है.

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