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UPI ठगी से सावधान ! भूलकर भी नहीं करें ये गलती, बैंक खाते हो जाते हैं खाली

UPI Fraud, यूपीआई स्कैम में फंस जाने से कई लोग जिंदगी भर की कमाई तक गंवा देते हैं. साइबर फ्रॉड से बचा जा सकता है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 9 hours ago

Beware of UPI fraud! Don't make this mistake even by mistake
UPI ठगी से सावधान ! भूलकर भी नहीं करें ये गलती (iANS)

हैदराबाद : साइबर ठगों के द्वारा लोगों को चूना लगाने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाए जाते हैं. इसमें कई लोग फंस जाते हैं, और वे अपनी जिंदगीभर की कमाई तक गंवा बैठते हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष शुरू के छह महीनों में 26 हजार लोग यूपीआई से जुड़े फ्रॉड का शिकार हुए हैं. ये आंकड़े रिजस्टर्ड शिकायत के आधार पर हैं.

बता दें कि साइबर ठगों के द्वारा फर्जी पेमेंट स्क्रीनशॉट्स बनाया जाता है. इसमें ठग एक फेक इमेज तैयार करते हैं, जिसमें रुपये सेंट करने के बारे में जानकारी होती है. इस तकनीक के जरिए वे लोगों से अपने रुपये वापस मांगते हैं. इस प्रकार वह घोटाले को अंजाम देते हैं.

दोस्त या रिश्तेदार बनकर मांगते हैं रुपये
स्कैमर्स एआई वाइस क्लोनिंग और डीफेक आदि का प्रयोग कर खुद को रिश्तेदार या फिर दोस्त आदि बताते हैं. इसके बाद वे कोई आवश्यकता या इमरजेंसी बताकर रुपये मांगते हैं.

Fake UPI QR Code से ठगी
साइबर ठगों के द्वारा Fake UPI QR Code का सहारा लिया जाता है. इसके बाद ये लोग फेक QR Code यूजर्स को एक फेक वेबसाइट पर ले जाते हैं और फिर पेमेंट करने के लिए कहते हैं. .

स्क्रीन मॉनिटरिंग ऐप्स
साइबर ठगों के द्वारा पीड़ित की कई संदिग्ध ऐप्स के जरिये स्क्रीन रिकॉर्डिंग की जाती है. इसके बाद वे बैंक लॉगइन और यूपीआई आदि और उसके कोड को चोर कर लेते हैं. इसके बाद उनके द्वारा बड़ी आसानी से बैंक खाते में सेंध लगा दी जाती है.

साइबर ठगों से बचने यूपीआई पिन ना करें शेयर
यूपीआई पिन वास्तव में आपके डेबिट कार्ड के एटीएम पिन की ही तरह है. इसको किसी के साथ शेयर नहीं करें. ठग कस्चमर सहायता या फिर बैंक अधिकारी बनकर यूपीआई पिन या ओटीपी मांग सकते हैं. ऐसे में भी आप किसी को पिन शेयर नहीं करें.

पेमेंट रिसीव करते समय भी ध्यान रखें
पेमेंट करने के लिए यूपीआई पिन एंटर या पेमेंट रिक्वेस्ट पर क्लिक करने की जरूरत नहीं होती है. यदि कोई पिन एंटर करने के लिए कहता है, वो वह आपके बैंक खाते में सेंधमारी कर सकता है.

अनचाही पेमेंट लिंक से रहें सावधान
किसी भी प्रकार की अनजान पेमेंट लिंक पर क्लिक नहीं करें. इन्हें ठगों के द्वारा SMS, Email या मैसेजिंग ऐप्स के जरिए भेजा जाता है. ठग इस तरह की लिंक का प्रयोग कर आपके बैंक डिटेल्स व पर्सनल डिटेल्स को हासिल कर सकते हैं.

सुरक्षित रखें स्मार्टफोन
स्मार्टफोन को सुरक्षित रखे जाने की आवश्यकता है, उसे फिंगरप्रिंट या फेस लॉक आदि से सुरक्षित रखें. इसके लिए आप एंटीवायरस आदि का भी प्रयोग कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें - फोन पे और गूगल पे से यूपीआई को खतरा ! क्या है इसकी वजह, जानें

हैदराबाद : साइबर ठगों के द्वारा लोगों को चूना लगाने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाए जाते हैं. इसमें कई लोग फंस जाते हैं, और वे अपनी जिंदगीभर की कमाई तक गंवा बैठते हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष शुरू के छह महीनों में 26 हजार लोग यूपीआई से जुड़े फ्रॉड का शिकार हुए हैं. ये आंकड़े रिजस्टर्ड शिकायत के आधार पर हैं.

बता दें कि साइबर ठगों के द्वारा फर्जी पेमेंट स्क्रीनशॉट्स बनाया जाता है. इसमें ठग एक फेक इमेज तैयार करते हैं, जिसमें रुपये सेंट करने के बारे में जानकारी होती है. इस तकनीक के जरिए वे लोगों से अपने रुपये वापस मांगते हैं. इस प्रकार वह घोटाले को अंजाम देते हैं.

दोस्त या रिश्तेदार बनकर मांगते हैं रुपये
स्कैमर्स एआई वाइस क्लोनिंग और डीफेक आदि का प्रयोग कर खुद को रिश्तेदार या फिर दोस्त आदि बताते हैं. इसके बाद वे कोई आवश्यकता या इमरजेंसी बताकर रुपये मांगते हैं.

Fake UPI QR Code से ठगी
साइबर ठगों के द्वारा Fake UPI QR Code का सहारा लिया जाता है. इसके बाद ये लोग फेक QR Code यूजर्स को एक फेक वेबसाइट पर ले जाते हैं और फिर पेमेंट करने के लिए कहते हैं. .

स्क्रीन मॉनिटरिंग ऐप्स
साइबर ठगों के द्वारा पीड़ित की कई संदिग्ध ऐप्स के जरिये स्क्रीन रिकॉर्डिंग की जाती है. इसके बाद वे बैंक लॉगइन और यूपीआई आदि और उसके कोड को चोर कर लेते हैं. इसके बाद उनके द्वारा बड़ी आसानी से बैंक खाते में सेंध लगा दी जाती है.

साइबर ठगों से बचने यूपीआई पिन ना करें शेयर
यूपीआई पिन वास्तव में आपके डेबिट कार्ड के एटीएम पिन की ही तरह है. इसको किसी के साथ शेयर नहीं करें. ठग कस्चमर सहायता या फिर बैंक अधिकारी बनकर यूपीआई पिन या ओटीपी मांग सकते हैं. ऐसे में भी आप किसी को पिन शेयर नहीं करें.

पेमेंट रिसीव करते समय भी ध्यान रखें
पेमेंट करने के लिए यूपीआई पिन एंटर या पेमेंट रिक्वेस्ट पर क्लिक करने की जरूरत नहीं होती है. यदि कोई पिन एंटर करने के लिए कहता है, वो वह आपके बैंक खाते में सेंधमारी कर सकता है.

अनचाही पेमेंट लिंक से रहें सावधान
किसी भी प्रकार की अनजान पेमेंट लिंक पर क्लिक नहीं करें. इन्हें ठगों के द्वारा SMS, Email या मैसेजिंग ऐप्स के जरिए भेजा जाता है. ठग इस तरह की लिंक का प्रयोग कर आपके बैंक डिटेल्स व पर्सनल डिटेल्स को हासिल कर सकते हैं.

सुरक्षित रखें स्मार्टफोन
स्मार्टफोन को सुरक्षित रखे जाने की आवश्यकता है, उसे फिंगरप्रिंट या फेस लॉक आदि से सुरक्षित रखें. इसके लिए आप एंटीवायरस आदि का भी प्रयोग कर सकते हैं.

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