रुद्रप्रयाग: मार्च का महीना शुरू हो गया, लेकिन उत्तराखंड में अभी भी बर्फबारी का दौर खत्म नहीं हो रहा है. हालात ये है कि केदारनाथ धाम में कई स्थानों पर अभी भी आठ से नौ फीट तक बर्फ जमी है, जबकि पैदल मार्ग के बड़े-बड़े ग्लेशियर बन गए हैं. इन स्थानों पर बर्फ काटकर पैदल मार्ग बनाया जाएगा. शुरूआत में बर्फ हटाने के लिए पचास मजदूर लगाए जायेंगे.
धाम में हो रही लगातार बर्फबारी से यहां रह रहे कुछ साधु संत और आईटीबीपी जवानों के सामने मुसीबत आ चुकी है. धाम में दो दिनों से बिजली व्यवस्था भी ठप्प पड़ी है. बता दें कि केदारधाम धाम में बीते एक सप्ताह से लगातार बर्फबारी हो रही है, जिसके चलते केदारनाथ पैदल मार्ग पर बर्फ हटाने का कार्य अब तक शुरू नहीं हो पाया है.
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व लोनिवि (लोक निर्माण विभाग) की दो टीमें गौरीकुंड में ही डेरा जमाए हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि 10 मार्च से बर्फ हटाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. एक मार्च से केदारनाथ पैदल मार्ग पर बर्फ हटाने का कार्य शुरू किया जाना था, मगर पिछले सात दिनों से हो रही बर्फबारी के चलते कार्य शुरू नहीं हो पाया है.
धाम में इन दिनों तापमान माइनस 15 डिग्री तक पहुंच गया है. जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व लोनिवि की 25-25 श्रमिकों की दो टीमें गौरीकुंड में मौसम साफ होने का इंतजार कर रही हैं. पिछले वर्ष 30 दिसंबर को अधिक ठंड बढ़ने से केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य बंद कर दिए गए थे. अब मार्ग खुलने के बाद ही केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य शुरू किए जाएंगे.
वर्तमान में जंगलचट्टी से लेकर केदारधाम तक 12 किमी, भीमबली से लेकर केदारनाथ धाम तक पूरे आठ किमी पैदल मार्ग पर चार फीट तक बर्फ जमी है, जबकि लिनचोली, रुद्राबैंड व केदारनाथ धाम में कई स्थानों पर आठ फीट तक बर्फ जमी है.
इन स्थानों पर बर्फ काटकर बर्फ के ऊपर से पैदल मार्ग बनाया जाएगा. शुरुआत में बर्फ हटाने के लिए पचास मजदूर लगाए जांएगे, जबकि बाद में ढाई सौ से अधिक मजदूर लगाए जाएंगे. रुद्रप्रयाग डीएम डॉ सौरभ गहरवार ने कहा कि केदारनाथ धाम में लगातार बर्फबारी जारी है. धाम सहित कई जगहों पर आठ से नौ फीट तक बर्फ जमी है. मौसम साफ होने के बाद बर्फ हटाने का काम शुरू किया जायेगा. धाम में बिजली व्यवस्था को भी ठीक किया जा रहा है.
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