नगरकुरनूल: तेलंगाना में 22 फरवरी को श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना के निर्माणाधीन खंड की छत का एक हिस्सा ढह जाने टनल के अंदर फंसे आठ लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का काम जारी है. हालांकि, पानी और मलबा इस अभियान में रूकावटें पैदा कर रही हैं. पिछले 6 दिन से टनल के अंदर फंसे लोगों की क्या स्थिति है, इसकी कोई ठोस जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है.
एसएलबीसी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना, नौसेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिंगरेनी, बीआरवीओ, एनजीआरआई, जीएसआई और एलएंडटी लगातार मदद कर रहे हैं. हालांकि, सुरंग में प्रति मिनट पांच हजार लीटर पानी आने की वजह से आसपास कीचड़ और पत्थर जमा हो गए हैं. इस वजह से बचाव दल को ऑपरेशन को तेजी से आगे बढ़ाने में परेशानी हो रही है. हालांकि, गुरुवार से राहत कार्यों में और तेजी लाई गई है.
खबर के मुताबिक, बचाव दल को अब तक टनल बोरिंग मशीन (TBM) तक पहुंचने में कठिनाई आ रही है, क्योंकि वहां भारी मात्रा में कीचड़ और पानी जमा हो गया है. खबर के मुताबिक, टनल के अंदर फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने से पहले टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) का पिछला हिस्सा हटाने की जरूरत है. राहत बचाव दल इस काम में लगे हुए हैं. टीबीएम के मलबे को हटाने के लिए गैस और प्लाज्मा कटर का इस्तेमाल किया जा रहा है.
सिंचाई एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री कैप्टन एन उत्तम कुमार रेड्डी ने बुधवार को कहा कि, बचावकर्मियों और बचे हुए लोगों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अब एक ठोस कार्य योजना को अंतिम रूप दिया गया है. मंत्री ने कहा कि, अब रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए एक अच्छी योजना है, जिससे और तेज गति से बचाव और राहत कार्यों में तेजी लाई जा सकती है. मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने जोर देकर कहा कि बचाव कार्य दो दिनों के भीतर पूरा हो जाएगा और सुरंग के अंदर चुनौतियों को कम करने के लिए नई रणनीतियों को लागू किया जा रहा है.
मंत्री के इस बयान के बाद से रक्षा दल दो दिन में अभियान पूरा करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन में मौजूद कर्मचारी कन्वेयर बेल्ट की मरम्मत पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. यदि कन्वेयर बेल्ट उपलब्ध हो जाता है तो मिट्टी को हटाना आसान हो जाएगा. वहीं, अन्य बचाव टीम के साथ-साथ एनजीआरआई के विशेषज्ञ भी सुरंग में जाने की तैयारी कर रहे हैं. सवाल यह भी है कि, अगर मिट्टी हटाई गई तो सुरंग गिरने की संभावना होगी, ऐसी स्थिति से निपटने के लिए गहन विचार विमर्श किया जा रहा है.
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