कुरुक्षेत्र: सिरसा डेरा प्रमुख राम रहीम को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने रंजीत सिंह मर्डर केस में बरी कर दिया है. हाईकोर्ट ने पंचकूला सीबीआई कोर्ट के आजीवन कारावास के फैसले को रद्द करते हुए राम रहीम समेत बाकी चार लोगों को भी बरी कर दिया. हाईकोर्ट से राम रहीम के बरी होने के बाद पीड़ित परिवार का बयान सामने आया है. पीड़ित पक्ष का कहना है कि वो इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जायेंगे.
न्याय के लिए आखिरी दम तक लड़ेंगे- रंजीत के जीजा
रंजीत सिंह के जीजा प्रभु दयाल ने कहा कि अब हम सुप्रीम कोर्ट में जायेंगे. न्याय के लिए मरते दम तक लड़ाई लड़ेंगे. रंजीत सिंह राम रहीम के सिरसा डेरा चलाने वाली प्रबंधन समिति के सदस्य थे. इस मामले में सजा पाने के बाद राम रहीम ने उम्र कैद की सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी. पंचकूला स्थित हरियाणा की विशेष सीबीआई कोर्ट ने 18 अक्टूबर 2021 में राम रहीम समेत 5 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी.
खेत से लौटते समय हुई थी रंजीत की हत्या
10 जुलाई 2002 को राम रहीम के सिरसा डेरे के पूर्व प्रमुख रंजीत सिंह की उस समय हत्या कर दी गई थी जब वो कुरुक्षेत्र स्थित खेत में अपने पिता को चाय देकर वापस लौट रहा था. हत्या के पीछे ये वजह सामने आई थी कि राम रहीम के खिलाफ दो साध्वियों के यौन शोषण से जुड़ी चिट्ठी रंजीत ने अपनी बहन से लिखवाई थी. पहले ये केस हरियाणा पुलिस देख रही थी लेकिन जनवरी 2003 में सीबीआई ने इसकी जांच शुरू की.
19 साल बाद राम रहीम को मिली थी सजा
2006 में सीबीआई ने इस मामले में राम रहीम को भी आरोपी बनाया. इसके बाद 2007 में सभी पर आरोप तय हुए. करीब 19 साल चले इस केस में 18 अक्टूबर 2001 को राम रहीम समेत 5 लोगों को पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी. आखिरकार अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस केस से राम रहीम को बरी कर दिया है.
अभी जेल में ही रहेगा राम रहीम
रंजीत हत्या केस में बरी होने के बाद भी राम रहीम जेल से बाहर नहीं आयेगा. राम रहीम दो साध्वियों के यौन शोषण और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में उम्र कैद की सजा काट रहा है. वो फिलहाल रोहतक के सुनारिया जेल में बंद है. हाई कोर्ट को सुनवाई के दौरान इस केस में सीबीआई की जांच में कई खामियां मिली. इसके साथ ही हत्याकांड के दो प्रमुख गवाहों सुखदेव सिंह और जोगिंदर सिंह के बयानों में भी अंतर पाया गया.