देहरादून: उत्तराखंड की सुप्रसिद्ध जागर गायिका बसंती बिष्ट 4 मार्च को अयोध्या जाएंगी. अयोध्या में जागर गायिका बसंती बिष्ट सुरों से समां बांधेंगी. जागर गायिका बसंती बिष्ट अयोध्या में भगवान राम, सीता के साथ ही नंदा देवी के भजन गाएंगी. इन भजनों के जरिये भगवान राम के जीवन से जुड़े प्रसंगों को बताया जाएगा.
राम मंदिर भव्य आयोजन में शामिल होंगी बसंती बिष्ट: श्री राम की भूमि अयोध्या में 4 मार्च को राम मंदिर ट्रस्ट देशभर के पद्मश्री संगीतकारों और गीतकारों को बुलाकर एक भव्य आयोजन करवाने जा रहा है. जिसमें देश भर के कलाकार मौजूद रहेंगे. उत्तराखंड की प्रसिद्ध जागर गायिका और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित बसंती बिष्ट भी इस समारोह का हिस्सा होंगी. इस कार्यक्रम में लगभग एक घंटा 20 मिनट तक बसंती बिष्ट भगवान राम और सीता के जागर प्रस्तुत करेंगी. बसंती बिष्ट उत्तराखंड की पहली ऐसी कलाकार होंगी जो भगवान श्री राम के इस आयोजन में प्रतिभा करेंगी.
भगवान राम के दर्शन करने को उत्सुक हैं बिष्ट: अयोध्या से आए बुलावे के बाद बसंती बिष्ट बेहद खुश हैं. जागर गायिका बसंती बिष्ट ने कहा कि वो उस पल का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं जब वो भगवान राम के दर्शन करेंगी. जागर गायिका बसंती बिष्ट ने बताया आयोजन में प्रतिभाग करने के लिए राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से उनको बाकायदा आमंत्रण पत्र मिल गया है. बसंती बिष्ट कहती हैं, उनका यह सौभाग्य है कि भगवान राम के इस आयोजन में उन्हें भी आराधना करने का मौका दिया जाएगा. बसंती बिष्ट के साथ उनके अन्य पांच वादक भी कार्यक्रम में जाएंगे. बसंती बिष्ट इसके लिए बाकायदा भगवान राम और सीता के जागर तैयार कर रही हैं. उन्होंने बताया उत्तराखंड में भगवान राम और सीता के जागर बेहद पसंद किए जाते हैं.
राम-सीता से जुड़ी कहानियों को जागर रूप में प्रस्तुत करेंगी बसंती बिष्ट: बसंती बिष्ट के जागर में भगवान राम और सीता से जुड़ी हिमालय की कहानियों को भी बखूबी दर्शाया और सुनाया जाएगा. उत्तराखंड के प्रसिद्ध संगीत में से एक जागर बीते कुछ सालों में बेहद प्रसिद्ध हुआ है. वैसे तो उत्तराखंड में और भी कई लोक कलाकार हैं जो जाकर गाते हैं, लेकिन बसंती बिष्ट की लोकप्रियता बेहद अलग हैं. इस उम्र में भी उनकी आवाज में अलग ही खनक है. उनके जागरों को बेहद पसंद किया जाता है. खास बात ये है कि अयोध्या में होने वाले इस कार्यक्रम के लिए जागर गायिका बसंती बिष्ट कोई शुल्क नहीं ले रही हैं. उन्होंने कहा अगर उन्हें पैदल भी अयोध्या बुलाया जाता तो वे खुशी खुशी जातीं. उन्होंने कहा अयोध्या जाकर भगवान राम के जागर गाना उनका सौभाग्य है.
बता दें कि, साल 1953 में उत्तराखंड के चमोली जिले के लुवानी गांव में जन्मी बसंती बिष्ट उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोकगायिका हैं. उनको उत्तराखंड की पहली महिला लोक जागर शैली की गायिका होने का सम्मान हासिल है. जागर पहाड़ों पर देवी-देवताओं के आह्वान करने की एक गायन शैली है. बसंती बिष्ट ने इसी शैली को अपनाकर उत्तराखंड की प्राचीन लोक परंपराओं को संजोने का काम किया है. इस गायन शैली को पारंपरिक रूप से पुरुष किया करते थे लेकिन बिष्ट ने इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. उन्होंने उत्तराखंड की प्राचीन धुनों व गीतों को बचाने का काम किया है. साल 1996 से ऑल इंडिया रेडियो नजीबाबाद में उन्होंने कई कार्यक्रम प्रस्तुत किए हैं. उनके पति भारतीय सेना में नायक पद से रिटायर्ड हैं. अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हे साल 2017 में राष्ट्रपति द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया है.
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