लखीमपुर खीरी: कोतवाली सदर क्षेत्र के गांव गंगाबेहड़ में मुनव्वर अपने पुत्र छोटू (उम्र 11 वर्ष) को अपने साथ खेत पर लेकर गया था. दोनों को इस बात की बिल्कुल भनक नहीं थी कि वहां पर तेंदुआ पहले से घात लगाए बैठा था. तेंदुए ने पलक झपकते ही 11 साल के छोटू पर झपट्टा मारा और उसको घसीटता हुआ ले गया.
पिता मुनव्वर मदद के लिए पुकार लगाता रहा, लेकिन कोई नहीं आया. आदमखोर तेंदुआ उसके बेटे छोटू को गन्ने के खेत में लेकर भाग गया और उसने एक पेड़ पर ले जाकर उसने छोटू को अपना निवाला बनाना शुरू कर दिया. पिता के सामने तुंदुआ बेटे को नोच-नोच कर खा रहा था. बेबस पिता मदद के लिए लोगों को पुकारता ही रह गया. पिता की चीख पुकार सुनकर कुछ गांव के लोग वहां पहुंचे. छोटू को गन्ने के खेत में ढूंढना शुरू किया गया. ग्रामीणों ने देखा कि एक पेड़ से खून टपक रहा है. ग्रामीणों ने नजर उठा कर देखा, तो पेड़ पर 11 साल के छोटे का अधखाया शव दिखाई दिया.
लोगों ने पेड़ से शव को उतारा. लोगों ने लखीमपुर -पलिया रोड़ पर शव रखकर रास्ता जाम कर दिया. ग्रामीणों ने कहा कि आखिर वो कब तक जंगली जानवरों का निवाला बनते रहेंगे. लखीमपुर खीरी में जंगली जानवरों के हमले लगातार जारी हैं. डीएफओ साउथ संजय बिस्वाल ने बताया कि बहुत ही दुखद घटना है, लेकिन इस इलाके में टाइगर नहीं आते हैं. यह हमला तेंदुए ने किया है. रविवार सुबह ड्रोन से उसकी तलाश की जाएगी.