देवघर: लिंफेटिक फाइलेरिया, इस बीमारी को आमतौर पर एलिफेंटियासिस के रूप में भी जाना जाता है. इसमें मरीज के पांव बहुत अधिक फूल या सूज जाता है. जिसके बाद व्यक्ति का पांव हाथी के पांव जैसा दिखाई देता और भारी हो जाता है. इस लिए फाइलेरिया बीमारी को आम बोलचाल की भाषा में हाथीपांव भी कहा जाता है.
ठंड के मौसम में लोगों को कई बीमारियां सताती है, इनमें से एक है लिंफेटिक फाइलेरिया. देवघर जिला में इन दिनों इसके मरीजों की संख्या बढ़ती दिख रही है. इसको लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं.
लिंफेटिक फाइलेरियासिस या फाइलेरिया पर नियंत्रण पाने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग लगातार लोगों को जागरूक करने की रणनीति बनाई है. इसके लिए विभाग अपने कर्मचारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं. इस बीमार के प्रति लोगों को सजग करने के लिए प्रखंड स्तर से लेकर जिला स्तर तक के पदाधिकारियों को विशेष ट्रेनिंग भी दी गयी है. विभाग के साथ पिरामल फाउंडेशन संस्था भी काम कर रही है. इस संस्था के जिला पदाधिकारी विजय पांडे बताते हैं कि देवघर जिला में सबसे ज्यादा मरीज लिंफेटिक फाइलेरियासिस के पाए जाते हैं.
स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़े के अनुसार पूरे देवघर में करीब सात हजार लिंफेटिक फाइलेरिया के मरीज हैं. इसके अलावा पुरुषों में हाइड्रोसील में अत्यधिक बढ़ोतरी वाले मरीजों की भी संख्या करीब चार हजार है. जिला स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार पूरे राज्य स्तर पर देवघर में फाइलेरिया के सबसे ज्यादा मरीज पाए जाते हैं.
फाइलेरिया को लेकर जिला के चिकित्सा पदाधिकारी अभय यादव बताते हैं कि यह बीमारी कुलेक्स (culex) नाम के मच्छर के काटने से होती है. इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को सावधानी बरतना जरूरी है. इसके अलावा समय-समय पर डीईसी और एल्बेंडाजोल की दवा खाने की आवश्यकता होती है. लेकिन आज भी लोग इसको लेकर गंभीर नहीं हैं. जिस वजह से लोग फाइलेरिया जैसी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं.
जिला स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम कर रहे पिरामल फाउंडेशन के जिला पदाधिकारी विजय पांडे बताते हैं कि मरीज को जागरूक करने के लिए देवघर सदर अस्पताल में फाइलेरिया के मरीजों के लिए ऑपरेशन की व्यवस्था की जा रही है. मरीजों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है ताकि लोग आकर मुफ्त में ऑपरेशन करवा सके. इसके अलावा 10 फरवरी से 25 फरवरी 2025 तक दवा वितरण अभियान चलाया जाएगा. जिसमें लोगों को यह बताया जाएगा कि फाइलेरिया से बचने के लिए डीईसी और एल्बेंडाजोल की खुराक जरूर लें.
बता दें कि देवघर जिला में रहने वाले ग्रामीणों को स्वस्थ्य रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मौसम जनित बीमारियों को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. इसके साथ ही उन्हें स्वास्थ्य व्यवस्था मुहैया कराई जा रही है. लेकिन लिंफेटिक फाइलेरिया के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए लोगों को ख्याल रखने की आवश्यकता है.