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केरल में स्टील बम फटने से 85 साल के बुजुर्ग की मौत - kerala steel Bomb explodes

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 18, 2024, 7:06 PM IST

steel Bomb explodes : केरल में स्टील बम फटने से एक बुजुर्ग की मौत हो गई. बुजुर्ग खेत की तरफ गया था, जहां उसे कोई संदिग्ध चीज दिखाई दी, जिसे उसने उठा लिया. धमाका होने से उसकी मौत हो गई.

steel Bomb explodes
बुजुर्ग की मौत (ETV Bharat)

कन्नूर: थालास्सेरी में बम विस्फोट में एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई. मंगलवार दोपहर को हुई इस घटना में थालास्सेरी कुडाकलम के मूल निवासी वेलायुधन (85) की मृत्यु हो गई. विस्फोट तब हुआ जब वह अपने घर के पास एक खाली मैदान में नारियल इकट्ठा करने गए थे.

विस्फोट तब हुआ जब वेलायुधन ने खेत में मिली एक वस्तु को खोलने की कोशिश की. वह इस बात से अनजान था कि वह एक स्टील बम था जो फट गया. विस्फोट में वेलायुधन के दोनों हाथ कट गए. वेलायुधन के शव को थालास्सेरी सहकारी अस्पताल ले जाया गया. एसपी समेत पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे.

कन्नूर में लगातार हो रहे बम धमाके:कन्नूर में पिछले दिनों कई जगहों पर बम धमाके की खबरें आई हैं. आखिरी बार धमाका लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ था, जहां बम बनाते समय विस्फोट हो गया था. पनूर में सीपीएम कार्यकर्ता की मौत बेहद विवादास्पद रही थी.

5 अप्रैल के विस्फोट में कैवेलिक्कल के मूल निवासी शेरिन की मृत्यु हो गई थी और मुलियाथोड के मूल निवासी विनीश घायल हो गए थे. दोनों सीपीएम कार्यकर्ता थे. विस्फोट एक खाली घर में हुआ जहां बम बनाया जा रहा था. पनूर, चोकली, एरिंजोली और नादापुरम जैसे इलाकों में राजनीतिक विरोधियों को नुकसान पहुंचाने के लिए बम बनाना आम बात है.

जिस इलाके में 5 अप्रैल को विस्फोट हुआ था, वहां की स्थिति भी कुछ अलग नहीं है. मुलियाथोड रोड के अंत में, 25 मीटर का रेतीला किनारा है, जिसमें दो एकड़ के काजू के बागान से घिरे केवल दो घर हैं. पास में ही एक चट्टानी इलाका है. इस क्षेत्र में दिन के दौरान भी बहुत कम यातायात होता है. यही वजह है कि इस इलाके को बम बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया.

आए दिन हो रहे इन विस्फोटों में अक्सर निर्दोष लोगों की जान चली जाती है. बम दस्ते और पुलिस, विस्फोट के बाद पहले कुछ दिनों में जांच कड़ी कर देते हैं और बमों को निष्क्रिय कर देते हैं, लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण कई क्षेत्रों में बम बनाना खुलेआम जारी है. सूत्रों का कहना है कि बम बनाकर गुफाओं में, बाल्टियों में सुनसान खेतों में, काजू के बगीचों में और अन्य एकांत स्थानों में छिपाए जाते हैं.

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विस्फोट तब हुआ जब वेलायुधन ने खेत में मिली एक वस्तु को खोलने की कोशिश की. वह इस बात से अनजान था कि वह एक स्टील बम था जो फट गया. विस्फोट में वेलायुधन के दोनों हाथ कट गए. वेलायुधन के शव को थालास्सेरी सहकारी अस्पताल ले जाया गया. एसपी समेत पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे.

कन्नूर में लगातार हो रहे बम धमाके:कन्नूर में पिछले दिनों कई जगहों पर बम धमाके की खबरें आई हैं. आखिरी बार धमाका लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ था, जहां बम बनाते समय विस्फोट हो गया था. पनूर में सीपीएम कार्यकर्ता की मौत बेहद विवादास्पद रही थी.

5 अप्रैल के विस्फोट में कैवेलिक्कल के मूल निवासी शेरिन की मृत्यु हो गई थी और मुलियाथोड के मूल निवासी विनीश घायल हो गए थे. दोनों सीपीएम कार्यकर्ता थे. विस्फोट एक खाली घर में हुआ जहां बम बनाया जा रहा था. पनूर, चोकली, एरिंजोली और नादापुरम जैसे इलाकों में राजनीतिक विरोधियों को नुकसान पहुंचाने के लिए बम बनाना आम बात है.

जिस इलाके में 5 अप्रैल को विस्फोट हुआ था, वहां की स्थिति भी कुछ अलग नहीं है. मुलियाथोड रोड के अंत में, 25 मीटर का रेतीला किनारा है, जिसमें दो एकड़ के काजू के बागान से घिरे केवल दो घर हैं. पास में ही एक चट्टानी इलाका है. इस क्षेत्र में दिन के दौरान भी बहुत कम यातायात होता है. यही वजह है कि इस इलाके को बम बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया.

आए दिन हो रहे इन विस्फोटों में अक्सर निर्दोष लोगों की जान चली जाती है. बम दस्ते और पुलिस, विस्फोट के बाद पहले कुछ दिनों में जांच कड़ी कर देते हैं और बमों को निष्क्रिय कर देते हैं, लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण कई क्षेत्रों में बम बनाना खुलेआम जारी है. सूत्रों का कहना है कि बम बनाकर गुफाओं में, बाल्टियों में सुनसान खेतों में, काजू के बगीचों में और अन्य एकांत स्थानों में छिपाए जाते हैं.

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