बेंगलुरु: कर्नाटक लोकायुक्त ने उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में दस्तावेज जमा करने को कहा है. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने इस मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने की सिफारिश की थी. हालांकि, सीएम सिद्दारमैया ने केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की सिफारिश वापस ले ली.
शिवकुमार को मामले के संबंध में अपने बचाव में सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है. कांग्रेस सरकार ने 23 नवंबर, 2023 को इस मामले की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दी गई अनुमति वापस ले ली थी. इसके बाद कांग्रेस सरकार ने मामला लोकायुक्त को सौंप दिया था. सीबीआई ने कोर्ट में कर्नाटक सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए दावा किया था कि वह शिवकुमार के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने के आखिरी चरण में है.
राज्य सरकार ने 2013 से 2018 तक कथित तौर पर 74.93 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित करने के मामले में डीके शिवकुमार के खिलाफ सीबीआई जांच रद्द कर दी. इस मामले में लोकायुक्त ने बुधवार को डीके को नोटिस जारी किया है. नोटिस में कहा गया है कि सीबीआई जांचकर्ताओं को पहले दी गई जानकारी और दस्तावेज लोकायुक्त को सौंपे जाएं.
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि शिवकुमार ने एक अप्रैल 2013 से 30 अप्रैल, 2018 के बीच अनुपातहीन रूप से 74.93 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की थी. इस संबंध में 9 सितंबर 2019 को प्रवर्तन निदेशालय के पत्र के आधार पर तत्कालीन राज्य सरकार के नेतृत्व में बीएस येदियुरप्पा ने सीबीआई को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत जांच करने की इजाजत दे दी थी.
इस पर सवाल उठाते हुए शिवकुमार ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की. इस बीच, कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने सीबीआई को दी गई अनुमति रद्द करने का आदेश दिया. इस संबंध में सीबीआई ने हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है और सुनवाई चल रही है.