पटना : बिहार में सियासी उथलपुथल के संकेत हैं. हालांकि दोनों दलों की ओर से ऑल इज वेल के दावे किए जा रहे हैं. लेकिन हालिया सियासी घटनाक्रम पर नजर डालें तो जेडीयू और बीजेपी के शीर्ष लीडर्स के दौरे धड़ाधड़ कैंसिल हो रहे हैं. इसके पीछे क्या ये महज इत्तेफाक हैं? ये हर कोई जानना चाहता है. सवाल ये है कि जब सबकुछ ठीक ठाक है तो पार्टी में बैठे शीर्ष नेताओं के दौरे क्यों रद्द हो रहे हैं?
नीतीश की झारखंड यात्रा रद्द : 4 फरवरी को नीतीश कुमार झारखंड यात्रा पर निकलने वाले थे. लेकिन ये दौरा अब रद्द हो चुका है. 4 फरवरी को ही नरेंद्र मोदी बिहार के दौरे पर हैं. अभी भी ये तारीख 4 फरवरी पर आकर अटक गई है. इससे पहले पीएम के कार्यक्रम की तारीख बढ़ती जा रही थी. नीतीश की झारखंड यात्रा के पीछे की क्या पॉलिटिकल स्टोरी है, इसको लेकर चर्चा तेज हो गई है. हो सकता है कि 4 फरवरी का इंतजार नीतीश कुमार भी कर रहे हों. ऐसी चर्चा सियासी गलियारे में हो रही है.
जेपी नड्डा का केरल दौरा रद्द : इस बीच बीजेपी की बिहार इकाई को दिल्ली तलब किया गया. बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी समेत तमाम प्रमुख नेताओं को दिल्ली बुलाया गया. गुरुवार को बिहार के प्रभारी विनोद तावड़े के आवास पर आकस्मिक बैठक हुई. वहां से सभी अमित शाह के आवास पर गए. बैठक देर रात तक चलती रही. ऐसे में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का केरल दौरा रद्द करना पड़ा. ये संकेत है कि अंदरखाने कुछ बड़ा चल रहा है.
न्याय यात्रा छोड़कर राहुल अचानक दिल्ली पहुंचे : राहुल गांधी भी न्याय यात्रा से दो दिन का अवकाश लेकर दिल्ली पहुंचे हुए हैं. राहुल का इसी बीच दिल्ली पहुंचना भी कुछ इशारा कर रहा है. तैयारी सभी ओर से हो रही है. हालांकि राहुल गांधी के दिल्ली जाने की वजह को बिहार का असर कम और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इसकी वजह बताई जा रही है. हालांकि कांग्रेस राहुल के कार्यक्रम को पूर्वनियोजित बता रही है.
विधानसभा उपाध्यक्ष का दौरा रद्द : जेडीयू के विधायक और विधानसभा के उपाध्यक्ष माहेश्वर हजारी मुंबई जाने वाले थे. उनके दौरे को भी बीच में ही रद्द किया गया है. नेताओं के दौरे दनादन कैंसिल हो रहे हैं. इसके पीछे कोई बड़ी राजनीतिक वजह छिपी हुई है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी 26 जनवरी को ही खेला होने की बात दोहरा रहे हैं.
नेता प्रतिपक्ष का भी दौरा रद्द : इधर इन घटनाक्रम को देखते हुए विजय सिन्हा को भी दिल्ली तलब किया गया. बिहार बीजेपी यूनिट सम्राट चौधरी के नेतृत्व में पहले ही दिल्ली जा चुकी थी. तभी अचानक विजय सिन्हा को भी उन्हें बुलाया गया. इधर विजय सिन्हा सिकंदरा से बांका के लिए रवाना हो रहे थे लेकिन एक फोन कॉल आते ही कार्यक्रम को बीच में ही छोड़कर पहले पटना फिर दिल्ली लौटना पड़ा.
महागठबंधन में दरार? : इन सबके बीच नीतीश के पाला बदलने की अटकलें थम नहीं रही हैं. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में भी तेजस्वी और नीतीश के बीच की दूरी साफ देखी गई है. ऐसे में ये तय है कि इन दौरों के पीछे भारी असंतोष उपज रहा है, जिसे कैश कराने के लिए ये नेता एक अवसर के रूप में देख रहे हैं और अपनी तैयारियों को धार देने की कोशिशों में जुटे हैं.
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