चंडीगढ़: अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे किसान एक बार फिर से सरकार के साथ आर-पार की तैयारी में हैं. चौथे दौर की बैठक में सरकार की ओर से किसानों को जो प्रपोजल दिया गया था, उसे किसान संगठनों ने सिरे से खारिज कर दिया है. इसके साथ ही किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवन सिंह पंढेर ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार को बुधवार, 21 फरवरी सुबह 11 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है. सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो किसान संगठन दिल्ली कूच करेंगे.
रास्ते बंद किए जाने के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका: किसान आंदोलन को लेकर हाईकोर्ट में लगी पीआईएल पर आज फिर पंजाब एंड हरियाणा होई कोर्ट में सुनवाई होनी है. किसान आंदोलन के दौरान रास्ता बंद किए जाने और दिल्ली ना जाने देने के खिलाफ पीआईएल लगाई गई है.
सरकार को अल्टीमेटम: सरवन सिंह पंढेर ने कहा है "केंद्र ने जो प्रस्ताव भेजा था, हमने उसे रद्द कर दिया है. बहुत सारे विशेषज्ञों ने कहा है कि 5 फसलों के लिए केंद्र सरकार कॉन्ट्रैक्ट करेंगे. इसमें जो किसान पहले से इसकी खेती कर रहे हैं वो बाहर हो जाएंगे. इसमें 5 साल की सीमा निर्धारित की गई थी, जो ठीक नहीं है. सरकार जो भी करती है उसके लिए कानून लेकर आती है. कानून नहीं होने के कारण लूट मची है. इस लूट को एमएसपी कानून के माध्यम से ही रोका जा सकता है, लेकिन कॉरपोरेट घराना इसे नहीं लाने दे रहे हैं."
कानून लाने के लिए सरकार से विशेष सत्र बुलाने की मांग: किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा "सरकार चाहे तो इसके लिए विशेष सत्र बुला सकती है कोई विपक्षी दल इसका विरोध नहीं करेगा. मैं सभी विपक्षी दलों से अपील करता हूं कि सभी अपना रुख स्पष्ट करें कि वो संसद में इसका विरोध नहीं करेंगे."
सरकार पर आरोप: सरवन सिंह पंढेर ने कहा "अब केंद्र का चेहरा बेनकाब हो गया है. विशेषज्ञ कहते हैं अगर एमएसपी का कानून आता है तो सरकार जो आयात पर खर्च करती है उससे कम पैसे में एमएसपी पर फसल खरीदी जा सकती है. सीटू 50% फॉर्मूले से आगे बढ़कर किसानों के कर्ज को माफ किया जा सकता है. बीजेपी दावा करती है कि नरेंद्र मोदी सबसे मजबूत प्रधानमंत्री हैं, हम ये मान लेते हैं लेकिन सरकार हमारी मांगें तो माने हम भी मान लेंगे प्रधानमंत्री मजबूत हैं."
7 जिले में इंटरनेट बंद: दिल्ली कूच करने को लेकर शंभू बॉर्डर पर किसान 13 फरवरी से डटे हुए हैं. वहीं, किसान नेता ने कहा कि अंबाला समेत पंजाब के भी 7 जिलों में इंटरनेट बंद है. पंजाब सरकार के न चाहते हुए भी क्या केंद्र सरकार इंटरनेट बंद कर सकती है. पंजाब सरकार ये स्पष्ट करे.
दिल्ली कूच करने की तैयारी में किसान: दिल्ली कूच का हमारा कार्यक्रम पहले की तरह रहेगा. सरकार को बुधवार, 21 फरवरी को सुबह 11 बजे तक का समय दिया गया है. उसके बाद हम दिल्ली कूच करेंगे. अभी तक केंद्र सरकार ने बाकी मांगों पर भी हमें कोई जानकारी नहीं दी गई है. सरकार के पास पहले ही 2 साल का समय था, अगर नियत ठीक है तो समय बहुत है अगर नियत ठीक नहीं है तो समय नहीं है. अभी तक हमारी कोई केंद्र सरकार से बात नहीं हुई है. केंद्र ने जो प्रस्ताव भेजा था, उसमें जितने पैसे खर्च होने हैं, डेढ़ लाख करोड़ का खर्च इसमें आना था. इतना पैसा सभी 23 फसलों को एमएसपी पर खरीदने पर भी आएगा. पाम ऑयल खरीदने में अन्य देशों को पैसा दिया जा रहा है, उसे MSP पर खर्च किया जाए. उससे हमारा पैसा बाहर नहीं जाएगा और किसान भी खुशहाल होगा.
'आगे जो होगा उसके लिए सरकार जिम्मेदार': 21 फरवरी को होने वाले 'दिल्ली चलो' मार्च पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर कहते हैं, "सरकार की मंसा बिल्कुल साफ थी कि वे हमें किसी भी कीमत पर दिल्ली में प्रवेश नहीं करने देंगे. अगर आप किसानों से बातचीत के जरिए समाधान निकालना चाहते हैं तो हमें दिल्ली की ओर मार्च करने की अनुमति दी जाए. जब हम दिल्ली की ओर बढ़े तो गोलीबारी हुई. ट्रैक्टरों के टायरों पर गोलियां भी लगीं. डीजीपी हरियाणा ने कहा है कि वे किसानों पर आंसू गैस का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. हम इसका इस्तेमाल करने वालों के लिए सजा की मांग करते हैं. गलत बयान भी दिए जा रहे हैं. हरियाणा में हालात कश्मीर जैसे हैं. हम 21 फरवरी को दिल्ली की ओर मार्च करेंगे. सरकार ने हमें एक प्रस्ताव दिया है ताकि हम अपनी मूल मांगों से पीछे हट जाएं. अब जो भी होगा उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.''
आंदोलन के समर्थन में रोहतक के किसान: वहीं, हरियाणा के रोहतक जिले टिटौली गांव में 13 फरवरी से किसान धरने पर बैठे हैं. किसान आंदोलन के समर्थन में धरने पर किसानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आसपास के 20 से अधिक गांवों के किसान ट्रैक्टर लेकर धरना स्थल पर पहुंचे हैं. वहीं, किसानों ने कहा है कि पंजाब के किसानों का इंतजार जल्द खत्म होगा, जल्द ही वे दिल्ली जाएंगे. उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसान भी इस आंदोलन में शामिल हैं.
सिरसा में किसानों का धरना जारी: सिरसा के लघु सचिवालय के बाहर अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है. किसानों ने हरियाणा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपनी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की गुजारिश की है. वहीं, हरियाणा के पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा के छोटे भाई और बीजेपी नेता गोबिंद कांडा किसानों से मिलने धरना स्थल पहुंचे.
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