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200 करोड़ के घोटाले में PWD के पूर्व एडीजी गिरफ्तार, ACB की बड़ी कार्रवाई, जानें पूरा मामला - Lok Nayak Hospital corruption case - LOK NAYAK HOSPITAL CORRUPTION CASE

कोरोना काल के दौरान लोकनायक अस्पताल में कराए गए काम को पूरा हुए बिना ठेकेदारों को पैसे का भुगतान किया गया. इससे सरकारी खजाने को 200 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था. ACB ने इस मामले में पीडब्लूडी के पूर्व एडीजी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.

लोकनायक अस्पताल में 200 करोड़ का घोटाला
कोरोना काल के दौरान लोकनायक अस्पताल में हुआ था भ्रष्टाचार. सेवानिवृत्त एडीजी गिरफ्तार. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 26, 2024, 8:42 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में किए गए बड़े घोटाले में लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) के सेवानिवृत्त एडीजी अनिल कुमार आहूजा और दो निजी फर्मों के मालिकों को गिरफ्तार किया है. एसीबी की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी करके इसकी जानकारी दी गई है.

कोरोना संकट के दौरान काम को मंजूरी देने और कार्य आदेशों के निष्पादन में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं और भ्रष्टाचार का पता चला था. लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने निजी फर्मों व ठेकेदारों को बिना काम के या फिर अधूरे काम के लिए फर्जी व जाली बिलों के आधार पर भुगतान किया. इससे सरकारी खजाने को लगभग 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. इसी मामले में अब एसीबी जांच में जुटी है.

दिल्ली सरकार के लोकनायक अस्पताल में हुए इस भ्रष्टाचार मामले में एसीबी ने जून में एफआईआर दर्ज की थी. आहूजा पर 10 ठेकेदारों को अवैध तरीके से भुगतान करने का आरोप लगाया गया था. इसके बाद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने आहूजा के खिलाफ विस्तृत जांच के आदेश दिए थे.

जनवरी में भी हुई थी छापेमारीः गौरतलब है कि इससे पहले जनवरी में भी लोकनायक अस्पताल सहित दिल्ली सरकार के 6 अस्पतालों में स्टैंडर्ड क्वालिटी की दवाओं की आपूर्ति न करने से जुड़े घोटाले के मामले में भी एसीबी ने छापेमारी की थी, जिसमें आपूर्ति करने वाली कई कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. उस मामले में भी एसीबी के द्वारा जांच की जा रही है.

तब, अस्पतालों की तरफ से कंपनियों द्वारा कम क्वालिटी के सामान की आपूर्ति के बदले में उन्हें स्टैंडर्ड क्वालिटी के सामान का ही भुगतान किया गया था. इस मामले में भी एसीबी ने सामान की आपूर्ति करने वाली 13 कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. जिन 6 अस्पतालों में सामान की आपूर्ति गई थी. उनमें लोकनायक, जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, दीनदयाल उपाध्याय, संजय गांधी मेमोरियल और लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल शामिल हैं. इन अस्पतालों में दवाओं, कॉटन ग्लव्स, सर्जिकल आइटम्स सहित अन्य कई चीजों की स्टैंडर्ड क्वालिटी से कम क्वालिटी के सामान की आपूर्ति की थी, जिसमें बड़ा घोटाला सामने आया था.

नई दिल्ली: दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में किए गए बड़े घोटाले में लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) के सेवानिवृत्त एडीजी अनिल कुमार आहूजा और दो निजी फर्मों के मालिकों को गिरफ्तार किया है. एसीबी की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी करके इसकी जानकारी दी गई है.

कोरोना संकट के दौरान काम को मंजूरी देने और कार्य आदेशों के निष्पादन में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं और भ्रष्टाचार का पता चला था. लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने निजी फर्मों व ठेकेदारों को बिना काम के या फिर अधूरे काम के लिए फर्जी व जाली बिलों के आधार पर भुगतान किया. इससे सरकारी खजाने को लगभग 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. इसी मामले में अब एसीबी जांच में जुटी है.

दिल्ली सरकार के लोकनायक अस्पताल में हुए इस भ्रष्टाचार मामले में एसीबी ने जून में एफआईआर दर्ज की थी. आहूजा पर 10 ठेकेदारों को अवैध तरीके से भुगतान करने का आरोप लगाया गया था. इसके बाद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने आहूजा के खिलाफ विस्तृत जांच के आदेश दिए थे.

जनवरी में भी हुई थी छापेमारीः गौरतलब है कि इससे पहले जनवरी में भी लोकनायक अस्पताल सहित दिल्ली सरकार के 6 अस्पतालों में स्टैंडर्ड क्वालिटी की दवाओं की आपूर्ति न करने से जुड़े घोटाले के मामले में भी एसीबी ने छापेमारी की थी, जिसमें आपूर्ति करने वाली कई कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. उस मामले में भी एसीबी के द्वारा जांच की जा रही है.

तब, अस्पतालों की तरफ से कंपनियों द्वारा कम क्वालिटी के सामान की आपूर्ति के बदले में उन्हें स्टैंडर्ड क्वालिटी के सामान का ही भुगतान किया गया था. इस मामले में भी एसीबी ने सामान की आपूर्ति करने वाली 13 कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. जिन 6 अस्पतालों में सामान की आपूर्ति गई थी. उनमें लोकनायक, जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, दीनदयाल उपाध्याय, संजय गांधी मेमोरियल और लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल शामिल हैं. इन अस्पतालों में दवाओं, कॉटन ग्लव्स, सर्जिकल आइटम्स सहित अन्य कई चीजों की स्टैंडर्ड क्वालिटी से कम क्वालिटी के सामान की आपूर्ति की थी, जिसमें बड़ा घोटाला सामने आया था.

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