ETV Bharat / bharat

नवरात्रि के चौथे दिन कीजिए मां मनसा देवी के दर्शन, महिषासुर का किया था वध, जानिए महिमा - Maa Mansa Devi - MAA MANSA DEVI

Darshan of Maa Mansa Devi in Chaitra Navratri आज चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन है. आज माता के कुष्मांडा स्वरूप की पूजा हो रही है. आज नवरात्रि के चौथे दिन हम आपको मां मनसा देवी के दर्शन कराते हैं. मां मनसा देवी का मंदिर हरिद्वार में स्थित है. नवरात्रि पर मनसा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है.

Maa Mansa Devi
मां मनसा देवी मंदिर
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 12, 2024, 6:07 AM IST

हरिद्वार: आज नवरात्रि के चौथे दिन पूरे देश के साथ ही धर्मनगरी हरिद्वार के मंदिरों में भी मां की उपासना चल रही है. सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ रही है. मां मनसा देवी मंदिर में सुबह से श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहुंचने शुरू हो गए और लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखाई दिए. इस दौरान मंदिर परिसर माता के जयकारों से गुंजायमान रहा. हर साल नवरात्रि में मां मनसा देवी मंदिर के दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंचते हैं.

Maa Mansa Devi
नवरात्रि में कीजिए मां मनसा देवी के दर्शन

नवरात्रि में मां मनसा देवी के दर्शन: हरिद्वार का मां मनसा देवी का मंदिर विश्व प्रसिद्ध हैं, जो सिद्ध पीठ भी है. यहां मां के दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंचते हैं. मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु मां मनसा की सच्चे मन से उपासना करता है, उसकी हर मुराद पूरी होती है. मां मनसा के मंदिर का वर्णन पुराणों में मिलता है. नवरात्रि के दिनों में मां मनसा देवी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहुंचने शुरू हो गए और लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखाई दिए. इस दौरान मां के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा.

Maa Mansa Devi
हरिद्वार में है मां मनसा देवी का मंदिर

मां मनसा देवी ने किया था महिषासुर का अंत: श्री महंत रवींद्र पुरी बताते हैं कि पुराणों में कहा गया है कि मां मनसा देवी महर्षि कश्यप की मानस पुत्री थीं. एक बार महिषासुर नाम के राक्षस का अत्याचार देव लोक के साथ ही पृथ्वी पर भी बढ़ गया. उसके अत्याचारों से पूरे देवलोक में हाहाकार मचा हुआ था. सभी देवता महिषासुर के अत्याचारों से परेशान हो उठे थे. उससे बचने का कोई रास्ता उन्हें नहीं दिखाई दे रहा था. तब देवताओं ने मां भगवती की स्तुति की. मां भगवती दुर्गा ने रूप बदल कर महिषासुर का वध किया और पृथ्वी लोक के साथ ही देवताओं को महिषासुर से मुक्ति दिलाई. महिषासुर का वध करने के बाद मां भगवती ने इसी स्थान पर आकर विश्राम किया था और फिर से अपने स्त्री रूप में आई थीं. मां दुर्गा ने महिषासुर से मुक्ति दिलाकर देवताओं के मन की इच्छा पूरी की थी. इसलिए मां मनसा देवी कहलाईं. तभी से यहां पर उन्हें पूजा जाता है.

Maa Mansa Devi
मां मनसा देवी ने महिषासुर का वध किया था

नवरात्रों में लगती है भक्तों की भीड़: मां मनसा देवी को सर्पों की देवी भी कहा जाता है. श्रद्धालु यहां दूर-दूर से अपनी मुराद लेकर आते हैं. वैसे तो यहां साल भर भक्तों को ताता लगा रहता है, लेकिन नवरात्रि में यहां विशेष आयोजन किया है और बड़ी संख्या में भक्त माता मनसा देवी के दर्शन करने आते है.

ये हैं पैराणिक मान्यताएं: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां मानसा देवी भगवान शिव की पुत्री हैं. माता मनसा देवी को ऋषि कश्यप और देवी कद्रु की पुत्री भी कहा जाता है. इसके अलावा मां मानसा देवी को नाग वासुकी की बहन भी बताया जाता है. वासुकी जी भगवान शिव के गले का नाम है. पौराणिक कथाओं के अनुसार मां मनसा देवी की शादी जगत्कारू ऋषि से हुई थी.

नवरात्रि में मां मनसा देवी के दर्शन को लगती है भीड़: लोक कथाओं के अनुसार जो भी भक्त सच्चे मन से माता मनसा देवी के दर पर आता है, उसकी हर मुराद पूरी होती है. माता मनसा देवी मंदिर परिसर में एक पेड़ है, जिसको लेकर कहा जाता है कि जो भी भक्त मनोकामना पूरी करने के लिए मनसा देवी के प्रार्थना करता है, वो माता मनसा देवी मंदिर में लगे पेड़ की शाखाओं पर धागे बांधता है और जब उस भक्त की मुराद पूरी हो जाती है तो भक्त को धागा खोलने के लिए दोबारा मंदिर आना होता है.
ये भी पढ़ें:

पहली नवरात्रि पर करें मां महामाया देवी के दर्शन, ये है शक्तिपीठों का केंद्र, डाकिनी-शाकिनी-पिशाचिनी से करती हैं रक्षा

नवरात्रि के दूसरे दिन कीजिए हरिद्वार में चंडी देवी के दर्शन, मां ने चंड-मुंड, शुंभ-निशुंभ का किया था संहार

नवरात्रि के तीसरे दिन कीजिए मां राकेश्वरी के दर्शन, यहां चंद्रमा ने तपस्या कर क्षय रोग से पाई थी मुक्ति

उत्तराखंड में चैत्र नवरात्रि पर भक्ति में डूबे लोग, धारी देवी करती हैं मनोकामनाएं पूरी

हरिद्वार: आज नवरात्रि के चौथे दिन पूरे देश के साथ ही धर्मनगरी हरिद्वार के मंदिरों में भी मां की उपासना चल रही है. सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ रही है. मां मनसा देवी मंदिर में सुबह से श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहुंचने शुरू हो गए और लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखाई दिए. इस दौरान मंदिर परिसर माता के जयकारों से गुंजायमान रहा. हर साल नवरात्रि में मां मनसा देवी मंदिर के दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंचते हैं.

Maa Mansa Devi
नवरात्रि में कीजिए मां मनसा देवी के दर्शन

नवरात्रि में मां मनसा देवी के दर्शन: हरिद्वार का मां मनसा देवी का मंदिर विश्व प्रसिद्ध हैं, जो सिद्ध पीठ भी है. यहां मां के दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंचते हैं. मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु मां मनसा की सच्चे मन से उपासना करता है, उसकी हर मुराद पूरी होती है. मां मनसा के मंदिर का वर्णन पुराणों में मिलता है. नवरात्रि के दिनों में मां मनसा देवी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहुंचने शुरू हो गए और लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखाई दिए. इस दौरान मां के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा.

Maa Mansa Devi
हरिद्वार में है मां मनसा देवी का मंदिर

मां मनसा देवी ने किया था महिषासुर का अंत: श्री महंत रवींद्र पुरी बताते हैं कि पुराणों में कहा गया है कि मां मनसा देवी महर्षि कश्यप की मानस पुत्री थीं. एक बार महिषासुर नाम के राक्षस का अत्याचार देव लोक के साथ ही पृथ्वी पर भी बढ़ गया. उसके अत्याचारों से पूरे देवलोक में हाहाकार मचा हुआ था. सभी देवता महिषासुर के अत्याचारों से परेशान हो उठे थे. उससे बचने का कोई रास्ता उन्हें नहीं दिखाई दे रहा था. तब देवताओं ने मां भगवती की स्तुति की. मां भगवती दुर्गा ने रूप बदल कर महिषासुर का वध किया और पृथ्वी लोक के साथ ही देवताओं को महिषासुर से मुक्ति दिलाई. महिषासुर का वध करने के बाद मां भगवती ने इसी स्थान पर आकर विश्राम किया था और फिर से अपने स्त्री रूप में आई थीं. मां दुर्गा ने महिषासुर से मुक्ति दिलाकर देवताओं के मन की इच्छा पूरी की थी. इसलिए मां मनसा देवी कहलाईं. तभी से यहां पर उन्हें पूजा जाता है.

Maa Mansa Devi
मां मनसा देवी ने महिषासुर का वध किया था

नवरात्रों में लगती है भक्तों की भीड़: मां मनसा देवी को सर्पों की देवी भी कहा जाता है. श्रद्धालु यहां दूर-दूर से अपनी मुराद लेकर आते हैं. वैसे तो यहां साल भर भक्तों को ताता लगा रहता है, लेकिन नवरात्रि में यहां विशेष आयोजन किया है और बड़ी संख्या में भक्त माता मनसा देवी के दर्शन करने आते है.

ये हैं पैराणिक मान्यताएं: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां मानसा देवी भगवान शिव की पुत्री हैं. माता मनसा देवी को ऋषि कश्यप और देवी कद्रु की पुत्री भी कहा जाता है. इसके अलावा मां मानसा देवी को नाग वासुकी की बहन भी बताया जाता है. वासुकी जी भगवान शिव के गले का नाम है. पौराणिक कथाओं के अनुसार मां मनसा देवी की शादी जगत्कारू ऋषि से हुई थी.

नवरात्रि में मां मनसा देवी के दर्शन को लगती है भीड़: लोक कथाओं के अनुसार जो भी भक्त सच्चे मन से माता मनसा देवी के दर पर आता है, उसकी हर मुराद पूरी होती है. माता मनसा देवी मंदिर परिसर में एक पेड़ है, जिसको लेकर कहा जाता है कि जो भी भक्त मनोकामना पूरी करने के लिए मनसा देवी के प्रार्थना करता है, वो माता मनसा देवी मंदिर में लगे पेड़ की शाखाओं पर धागे बांधता है और जब उस भक्त की मुराद पूरी हो जाती है तो भक्त को धागा खोलने के लिए दोबारा मंदिर आना होता है.
ये भी पढ़ें:

पहली नवरात्रि पर करें मां महामाया देवी के दर्शन, ये है शक्तिपीठों का केंद्र, डाकिनी-शाकिनी-पिशाचिनी से करती हैं रक्षा

नवरात्रि के दूसरे दिन कीजिए हरिद्वार में चंडी देवी के दर्शन, मां ने चंड-मुंड, शुंभ-निशुंभ का किया था संहार

नवरात्रि के तीसरे दिन कीजिए मां राकेश्वरी के दर्शन, यहां चंद्रमा ने तपस्या कर क्षय रोग से पाई थी मुक्ति

उत्तराखंड में चैत्र नवरात्रि पर भक्ति में डूबे लोग, धारी देवी करती हैं मनोकामनाएं पूरी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.