शिमला: हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. पहले राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की और अब कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले विक्रमादित्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपनी सरकार पर जमकर निशाना साधा. साथ ही कांग्रेस पार्टी के आलाकमान पर भी उनकी बात नहीं सुनने और विधायकों की अनदेखी का आरोप लगाया.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा अपनी ही मेरे लिए पद और कैबिनेट महत्वपूर्ण नहीं है. मेरे लिए जनता का भरोसा बेहद जरुरी है. विधायकों के साथ अनदेखी हुई है. ये विधायकों की अनदेखी का नतीजा है. हमने लगातार इस विषय को पार्टी और आलाकमान के सामने उठाया है, लेकिन इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. विधायकों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया. मेरी निष्ठा पार्टी के प्रति है. मैं पार्टी का अनुशासित कार्यकर्ता हूं. प्रदेश के युवाओं की समस्याओं का हल नहीं हुआ. क्या हमने एक साल में अपने वादे पूरे किए. ये जो घटना हिमाचल प्रदेश में हुई है, उसका मुझे बेहद दुख है.
मैं किसी के दबाव में आना वाला नहीं हूं. मुझे कोई मिटाने की कोशिश करेगा तो मैं दबने वाला नहीं हूं. मैं हमेशा सही का समर्थन किया और गलत का हमेशा विरोध किया. मंत्री होने के बाद भी मुझे नजरअंदाज किया गया. मुझे अपमानित करने की कोशिश की गई. वीरभद्र सिंह की मूर्ति लगाने के लिए इस सरकार को दो गज जमीन नहीं मिली.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और प्रियंका गांधी को भी बार-बार बोलने पर मेरी बात नहीं सुनी गई. पार्टी हाईकमान को कहने के बावजूद मेरी बात नहीं सुनी गई. हर चीजों को राजनीति से नहीं तौली जानी चाहिए. आज मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं. हमने पार्टी को हर कदम पर साथ दिया है. पिछले दिन भी चर्चाओं का बाजार गर्म था, लेकिन फिर भी हमने पार्टी के हर कदम पर साथ दिया. मैं ऐसा कोई कदम नहीं उठाऊंगा. जिससे किसी को चोट पहुंचे.
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