जाजपुर: ओडिशा के मलकानगिरी के बाद जाजपुर जिले में 10वीं कक्षा की एक दूसरी नाबालिग छात्रा ने बच्ची को जन्म दिया है. छात्रा और उसकी बच्ची को डॉक्टरों की देखरेख में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बता दें कि, हाल ही में ओडिशा के मलकानगिरी जिले में एक सरकारी स्कूल के हॉस्टल में 10वीं की छात्रा ने शिशु को जन्म दिया था. यह घटना पूरे राज्य और देशभर में चर्चा का विषय रही.
अभी मलकानगिरी में इससे जुड़े एक मामले की आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि, एक और दूसरी छात्रा ने जाजपुर जिले में बच्ची को जन्म दिया है, जिससे एक बार फिर से स्कूल प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं. पुलिस घटना की जांच कर रही है.
बुधवार को महाशिवरात्रि के दौरान10 वीं कक्षा की छात्रा अचानक बीमार हो गई. उसके परिवार ने उसे मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया. बाद में, नाबालिग लड़की ने बच्ची को जन्म दिया. प्रसव के बाद उसकी तबीयत बिगड़ काफी बिगड़ गई थी. नाबालिग लड़की की हालत गंभीर होने के कारण, परिजनों ने उसे इलाज के लिए जिला मुख्यालय अस्पताल में भर्ती कराया. जिला बाल कल्याण अधिकारी निरंजन कर ने कहा अब मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.
इस संबंध में अतिरिक्त जिला चिकित्सा पदाधिकारी ए.के शर्मा ने बताया कि 10वीं की छात्रा ने कल (बुधवार) एक बच्ची को जन्म दिया है. इस संबंध में पुलिस को सूचित कर दिया गया है. पुलिस घटना की जांच कर रही है. जांच के बाद जो भी आवश्यक कार्रवाई होगी, पुलिस करेगी.
घटना के संबंध में जिला बाल कल्याण पदाधिकारी निरंजन कर ने ईटीवी भारत से कहा कि, उन्होंने सभी लोगों से मुलाकात की और थाने में रिपोर्ट दी गई है. नाबालिग छात्रावास में नहीं रह रही थी. वह घर पर ही रह रही थी. बाल कल्याण पदाधिकारी द्वारा थाने में रिपोर्ट दी गई है. हमने इस घटना के संबंध में जिला मजिस्ट्रेट को सूचित किया है. घटना की जांच के लिए जिला बाल कल्याण की एक टीम भेजी गई है.
ओडिशा के मलकानगिरी के एक सरकारी स्कूल के हॉस्टल से आया था पहला मामला
बता दें कि, ओडिशा के मलकानगिरी जिले में 24 फरवरी को कक्षा 10वीं की छात्रा के सरकारी बालिका उच्च विद्यालय के छात्रावास परिसर में बच्चे को जन्म दिए जाने के मामले पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. बता दें कि, एससी और एसटी के छात्रों के लिए संचालित सरकारी स्कूल से पहला बड़ा मामला सामने आया था. जिला प्रशासन ने सोमवार को इस पर कार्रवाई करते हुए लेडी मैट्रन को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है.
वहीं, सहायक नर्सिंग मिडवाइफरी (एएनएम) को निलंबित कर दिया गया है. दूसरी ओर, जिला कल्याण अधिकारी (डीडब्ल्यूओ) श्रीनिवास आचार्य ने मीडिया को बताया कि प्रधानाध्यापक के निलंबन की अनुशंसा सरकार से की गई है.
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