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Man throws free Iftar for the poor at Jama Masjid

Abid Ali, a travel agency owner arranges Iftar (post-fast meal) for those people who are not capable of buying food. Minutes before 6 pm people congregate at the decorated 'Iftari' and wait for the Iftar siren, and later break the fast together.

Minutes before 6 pm people congregate at the decorated 'Iftari' and wait for the Iftar siren
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Published : May 16, 2019, 5:12 PM IST

Updated : May 16, 2019, 8:25 PM IST

New Delhi: As the clock strikes 6 in the evening, poor people in the vicinity of Jama Masjid rush to Kabutar Market to get free Iftar. Arranged by Abid Ali, a travel agency owner, this free Iftar runs for a whole month during Ramadan.

WATCH: Man throws free Iftar for the poo

In the month of Ramzan, Muslims do not consume food or water from dawn to dusk. However, in the evening they break their fast. Minutes before 6 pm people congregate at the decorated 'Iftari' and wait for the Iftar siren, and later they break their fast.

Ramzan is considered as the holiest month for the Muslims. It is the ninth month of the Islamic calendar.

Devotees in the month of Ramzan sacrifice their worldly pleasure and pray five times a day and read the holy Quran.

READ | Jama Masjid market laden with varieties of dates this Ramadan

New Delhi: As the clock strikes 6 in the evening, poor people in the vicinity of Jama Masjid rush to Kabutar Market to get free Iftar. Arranged by Abid Ali, a travel agency owner, this free Iftar runs for a whole month during Ramadan.

WATCH: Man throws free Iftar for the poo

In the month of Ramzan, Muslims do not consume food or water from dawn to dusk. However, in the evening they break their fast. Minutes before 6 pm people congregate at the decorated 'Iftari' and wait for the Iftar siren, and later they break their fast.

Ramzan is considered as the holiest month for the Muslims. It is the ninth month of the Islamic calendar.

Devotees in the month of Ramzan sacrifice their worldly pleasure and pray five times a day and read the holy Quran.

READ | Jama Masjid market laden with varieties of dates this Ramadan

Intro:आज भी इस भागती दौड़ती जिंदगी में लोगों के अंदर इंसानियत देखने को मिलती है, रमजान के पाक महीने नेकी के नजारे अक्सर पुरानी दिल्ली में देखने को मिल जाते हैं. नेगी का ऐसा ही एक नजारा पुरानी दिल्ली में जामा मस्जिद के पास देखने को मिला.


Body:रमजान का महीना नेकी का महीना कहलाता है इस महीने में मुसलमान जहां एक तरफ पांच वक्त की नमाज और रोजा रखते हैं तो दूसरी तरफ लोगों की मदद कर नेकी कमाते हैं.

ऐसा ही एक नेकी का नजारा जामा मस्जिद के पास कबूतर मार्केट में देखने को मिला जहां एक नेक इंसान रमजान के 30 दिन उन लोगों को रोज़ा इफ्तार कराता है जो कि इफ्तारी का सामान खरीदने में सक्षम नहीं है.

शाम 6:30 बजे कबूतर मार्केट के पास फुटपाथ पर कुछ लोग चटाई बिछाकर इफ्तारी का सामान तैयार करते दिखे, फुटपाथ पर बन रही इफ्तारी को देख ईटीवी भारत की टीम उनके पास पहुंची और उनसे बातचीत की.

आबाद अली जोकि एक ट्रैवल कंपनी चलाते हैं रोज शाम लगभग 6:00 बजे के आसपास यही कबूतर मार्केट के पास कुर्सी डाल कर बैठ जाते हैं और वहीं मौजूद कुछ लोगों को पैसे देकर इफ्तारी के लिए फ़ल, खजूर, जूस और खाने का सामान मंगा लेते हैं.

वहीं मौजूद लोग इफ्तारी के सामान को फुटपाथ पर सजा देते हैं, फुटपाथ पर इफ्तार का सामान लगा देख वहां से गुजरने वाले जरूरतमंद उस फुटपाथ पर आकर बैठ जाते हैं कुछ ही देर में यहां पर 20-25 लोग हो जाते हैं जो कि साथ बैठकर इफ्तार करते हैं.

ईटीवी से बातचीत में आबाद अली ने बताया कि वह रमजान के पहले रोज़े से इसी फुटपाथ पर जरूरतमंदों को इफ्तार कराते हैं और यह सिलसिला रमजान भर चलता रहता है.






Conclusion:रमजान के महीने में विभिन्न तरह से लोग एक दूसरे की मदद करते हैं और इस पाक महीने में अपने आप को खुशनसीब समझते हैं कि ऊपर वाले ने उनको किसी की मदद करने का मौका दिया.
Last Updated : May 16, 2019, 8:25 PM IST
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