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Rift escalates between Hindu seers and Ram Mandir trustees

Four days after the Central government announced the composition of the 'Shri Ram Janambhoomi Teertha Kshetra' trust set up for the construction of Ram temple in Ayodhya, a rift between the Hindu seers associated with the Janmabhoomi movement has come to the fore.

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Published : Feb 9, 2020, 12:02 AM IST

Haridwar (Uttrakhand): A rift escalated between the Hindu seers associated with Ram Janmbhoomi and the centre after the saffron party has announced the composition of the name suggested for the construction of Ram Mandir in Ayodhya, excluding the chief of the Ram Janambhoomi Nyas Mahant Nirtiya Gopal Das.

Rift escalates between Hindu seers and Ram Mandir trustees'

The centre on February 5, constituted an independent 15-member trust to oversee the construction of a 'grand and magnificent, Ram temple in the disputed land of Ayodhya.

The 15-members Trust includes senior advocate, seers from Hindu maths across the country, Nirmohi Akhara, Ayodhya's royal famil head, locals and Dalit from Ayodhya.

Read: Lawyer K Parasaran to head Ram Temple Trust

In an exclusive interaction with ETV Bharat, Akhara Parishad President Narendra Giri and General Secretary of Akhara Parishad Hari Giri said that the exclusion of certain saints who have devoted their lives for the cause of Ram Mandir including the chief of the Ram Janambhoomi Nyas Mahant Nirtiya Gopal Das was an insult to the people of Ayodhya.

The Hindu seers further cleared that they are happy with Prime Minister Narendra Modi's decision of making a 15-member trust. But, they never expected the senior lawyer Kesava Iyengar Parasaran, advocate in the case, to be the head of the trust.

Also Read: Ram temple work to begin in April this year: Trustee

Haridwar (Uttrakhand): A rift escalated between the Hindu seers associated with Ram Janmbhoomi and the centre after the saffron party has announced the composition of the name suggested for the construction of Ram Mandir in Ayodhya, excluding the chief of the Ram Janambhoomi Nyas Mahant Nirtiya Gopal Das.

Rift escalates between Hindu seers and Ram Mandir trustees'

The centre on February 5, constituted an independent 15-member trust to oversee the construction of a 'grand and magnificent, Ram temple in the disputed land of Ayodhya.

The 15-members Trust includes senior advocate, seers from Hindu maths across the country, Nirmohi Akhara, Ayodhya's royal famil head, locals and Dalit from Ayodhya.

Read: Lawyer K Parasaran to head Ram Temple Trust

In an exclusive interaction with ETV Bharat, Akhara Parishad President Narendra Giri and General Secretary of Akhara Parishad Hari Giri said that the exclusion of certain saints who have devoted their lives for the cause of Ram Mandir including the chief of the Ram Janambhoomi Nyas Mahant Nirtiya Gopal Das was an insult to the people of Ayodhya.

The Hindu seers further cleared that they are happy with Prime Minister Narendra Modi's decision of making a 15-member trust. But, they never expected the senior lawyer Kesava Iyengar Parasaran, advocate in the case, to be the head of the trust.

Also Read: Ram temple work to begin in April this year: Trustee

Intro:राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट को लेकर अखाड़ा परिषद ने किया प्रस्ताव पास@अखाड़ा परिषद अध्यक्ष बोले जिस ट्रस्ट का अध्यक्ष हो ग्रस्त उस ट्रस्ट में संतो को नहीं रहना चाहिए


सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई ट्रस्ट के सदस्यों और अध्यक्ष को लेकर अखाड़ा परिषद द्वारा नाराजगी जताई जा रही है आज अखाड़ा परिषद कि हरिद्वार में बैठक आयोजित हुई इस बैठक में अखाड़ा परिषद द्वारा प्रस्ताव लाया गया साधु संतों ने ट्रस्ट के अध्यक्ष के पाराशर को बनाए जाने का विरोध किया और केंद्र सरकार से मांग की कि अखाड़ा परिषद के तीन अनियो अखाड़ों के संतों को भी इस ट्रस्ट में शामिल किया जाए और रामानंदाचार्य सम्प्रदाय के किसी संत को ही इस ट्रस्ट अध्यक्ष बनाया जाएBody:केंद्र सरकार द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए बनाई गई ट्रस्ट का अखाड़ा परिषद द्वारा विरोध किया गया है अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी का कहना है कि राम मंदिर निर्माण के लिए जो ट्रस्ट बनाया गया है इसमें तीन वैष्णव संप्रदाय जो अयोध्या में निवास करते हैं उनको नहीं लिया गया इससे हम नाराज हैं आज अखाड़ा परिषद की बैठक में हमारे द्वारा प्रस्ताव पास किया गया है जो तीन अनिया अखाड़े है उनके श्री महेंद्र को इस ट्रस्ट में लिया जाए और एक रामानंदाचार्य को इस ट्रस्ट में शामिल किया जाए और साथ ही इस ट्रस्ट का अध्यक्ष रामानंदाचार्य संप्रदाय के संत को बनाया जाए क्योंकि संत को ही अध्यक्ष बनाना चाहिए अगर कोई ग्रस्त अध्यक्ष बनेगा तो संतो को इस ट्रस्ट में नहीं रहना चाहिए

बाइट--नरेंद्र गिरी--अखाड़ा परिषद अध्यक्ष

अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि का कहना है कि अखाड़ा परिषद के संतों का मानना है बैरागी संप्रदाय के निर्मोही अखाड़े के संत धर्मदास जी के गुरु ने वहां राम की मूर्ति रखी थी इसलिए हम चाहते हैं इस ट्रस्ट में धर्मदास जी को रखा जाए और साथ ही वैष्णव अनि के महंत और वैष्णव संप्रदाय से ही रामानंदाचार्य इनके नाम ट्रस्ट में आने चाहिए हमेशा ही कोई भी ट्रस्ट या संस्था बनाई जाती है उसमें सब अपने लोगों को जगह देते हैं जिससे कार्य अपने तरीके से कराया जा सके सरकार को भी इस तरफ ध्यान देना चाहिए कि बाहर के लोगों की जगह अपने लोगों को इस ट्रस्ट में जगह मिले जिन लोगों द्वारा राम मंदिर के लिए संघर्ष किया गया है उनके नाम आए हैं मगर और नाम आने चाहिए

बाइट --हरी गिरी अखाड़ा--परिषद महामंत्रीConclusion:केंद्र सरकार द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने के बाद अखाड़ा परिषद खुलकर सरकार के विरोध में आ गया है और इस ट्रस्ट में वैष्णव संप्रदाय से जुड़े संतो को जोड़ने की बात कर रहा है और इसी को लेकर आज अखाड़ा परिषद की बैठक में इस मुद्दे पर प्रस्ताव भी पास किया गया अब देखना होगा केंद्र सरकार अखाड़ा परिषद द्वारा पास किए गए प्रस्ताव पर कितना गौर देती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा मगर अखाड़ा परिषद राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट में शामिल लोगों के विरोध में खड़ा हो गया है
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