The 50-yr-old Mahant Narayana Nand Giri, whose height is 18-inch, is known as the shortest baba at Kumbh.
The baba is known to be a regular visitor to Kumbh and is popular among the pilgrims.
Talking to media he said that since childhood he was inclined towards devotion and saints. "After the death of my parents I became a saint and now I travel around the world. Every year I visit Kumbh," he added.
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Further he said that in year 2009 he became saint under the guidance of Mahant Aanand Giri of Joona Akhara in Haridawar.
Baba Nand Giri is always surrounded with pilgrims demanding selfies and photos.
18-inch saint catches eye balls in Kumbh
Prayagraj: An eighteen-inch baba has become the centre of attraction at the ongoing Kumbh Mela 2019.
The 50-yr-old Mahant Narayana Nand Giri, whose height is 18-inch, is known as the shortest baba at Kumbh.
The baba is known to be a regular visitor to Kumbh and is popular among the pilgrims.
Talking to media he said that since childhood he was inclined towards devotion and saints. "After the death of my parents I became a saint and now I travel around the world. Every year I visit Kumbh," he added.
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Further he said that in year 2009 he became saint under the guidance of Mahant Aanand Giri of Joona Akhara in Haridawar.
Baba Nand Giri is always surrounded with pilgrims demanding selfies and photos.
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प्रयागराज: हाथ में कमंडल लिए, गले मे रुद्राक्ष की माला पहने जैसे ही 18 इंच की लंबाई वाले बाबा मेला क्षेत्र में निकले की बाबा के साथ सेल्फी लेने के लिये श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो गई. एक के बाद एक लोग बाबा के साथ फोटोग्राफी करते नजर आए. जूना अखाड़ा में आये महंत नारायण नंद गिरी बचपन से ही उनकी लंबाई 18 इंच की है. वह बताते है कि जब तक माता पिता जीवित थे तब तक उनके साथ रहता था लेकिन जब से वह भगवान के प्यारे हो गए तभी से मैं संयासी बन गया. परिवार में मैं चार भाई बहन हूँ जिसमें मैं अब संयासी बन गया. 2009 में लगे कुम्भ हरिद्वार में जूना अखाड़े के महंत आंनद गिरी से सन्यास का दीक्षा लिया और अब बस कुम्भ में ही घूमा करता हूँ.
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18 इंच की लंबाई के वजह से देश-दुनिया में बनी पहचान
बाबा ने कहा कि मेरी लंबाई 18 इंच की है. इस कुम्भ में सबसे छोटा बाबा के नाम से जाना जाता हूँ. इसके साथ ही कान से कम सुनाई पड़ता है. अभी मेरी उम्र 50 साल की हो गई है लेकिन बचपन से ही संत महत्माओं की तरफ मेरा रुझान बढ़ा रहा. किसी के ऊपर बोझ बनाना नहीं चाहता था इसलिए संयासी बनाकर देश दुनिया की सैर कर रहा हूँ, यही मेरी जिंदगी है. उन्होंने कहा कि मैं बाहर के लोगों से भिक्षा नहीं मांगता हूं सिर्फ संत महत्माओं से भिक्षा लेकर पेट भरता हूँ.
Conclusion:जहां जाता हूँ वही भीड़ लगती है
बाबा ने बताया कि जहां जाता हूँ वही हमको देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो जाती है. कोई सेल्फी लेता है तो कोई फोटोशूट करता है. कुम्भ में जिधर घूमने जाता हूँ वही श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो जाती है. कुछ लोग पूछते हैं बाबा जी आप की लंबाई कितनी है, मैं उनसे उतना ही कहता हूं जो है सामने है. बाबा ने बताया कि मेरी लंबाई बचपन से ही 18 इंच की है और अब तक लंबाई उतनी है. लोगों का कहना है दुनिया मे सबसे छोटा बाबा हूँ. यही मेरी पहचान है.