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From Malaysia to Azamgarh on wheels

A person from Malaysia travelled about 6000km for 15 days via Thailand, Myanmar, Imphal, Manipur and Bihar to reach Azamgarh. He covered the distance on his bike.

From Malaysia to Azamgarh on wheels
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Published : Nov 26, 2019, 11:33 PM IST

Azamgarh: You can take a person out of India but you can not take India out from a person. The sentiments behind these lines were evident in Abdul Wahid's eyes when he rode his bike all the way from Malaysia to Uttar Pradesh's Azamgarh.

From Malaysia to Azamgarh on wheels

Wahid reached Azamgarh after travelling for 15 days via Thailand, Myanmar, Imphal, Manipur and Bihar. He covered a distance of about 6000km on his bike.

"My father moved to Malaysia along with his family 60 years ago. But I always loved India. I often visit the country. I love India," said Wahid.

Also read: From saree to guard uniform- Malkangiri Kinnars transforms their lives

Azamgarh: You can take a person out of India but you can not take India out from a person. The sentiments behind these lines were evident in Abdul Wahid's eyes when he rode his bike all the way from Malaysia to Uttar Pradesh's Azamgarh.

From Malaysia to Azamgarh on wheels

Wahid reached Azamgarh after travelling for 15 days via Thailand, Myanmar, Imphal, Manipur and Bihar. He covered a distance of about 6000km on his bike.

"My father moved to Malaysia along with his family 60 years ago. But I always loved India. I often visit the country. I love India," said Wahid.

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Intro:anchor: आजमगढ़।( एक्सक्लूसिव )आजमगढ़ जनपद से लगभग 6000 किलोमीटर की दूरी पर रहने वाले प्रवासी भारतीय अब्दुल वाहिद व उस्मान को अपने वतन की मिट्टी की महक खींच लाई है और यही कारण है कि लगभग 6000 किलोमीटर की यह यात्रा इन दोनों लोगों ने बाइक से की है।


Body:वीओ: 1 ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए प्रवासी भारतीय अब्दुल वाहिद का कहना है कि हमारे पिता आजमगढ़ जनपद के चकिया हुसैनाबाद के रहने वाले थे और लगभग 60 वर्ष पहले मलेशिया में जाकर बस गए। पिता के साथ हम लोग भी अपने वतन आजमगढ़ आते थे और यही कारण है कि आज भी अपने वतन की मिट्टी की महक हमें खींच लाती है। यही कारण है कि आज भी हम लोग आजमगढ़ आते हैं और यहां पर घूमते टहलते हैं। अब्दुल वाहिद व उस्मान 15 दिन में मलेशिया से थाईलैंड म्यांमार इंफाल मणिपुर बिहार होते हुए आज 26 नवंबर को आजमगढ़ पहुंचे हैं उन्होंने कहा कि इंडिया इज द ग्रेट। ईटीवी से बातचीत करते हुए अब्दुल वाहिद के रिश्तेदार मोहम्मद फैजान का कहना है कि अब्दुल वाहिद वा उस्मान हमारे रिश्तेदार लगते हैं और जब भी हम लोग मलेशिया जाते हैं तो इन्हीं के घर पर रुकते हैं या लोग कई बार आजमगढ़ आए हैं पर पहली बार यह लोग इतनी लंबी यात्रा बाइक से तय किए हैं। निश्चित रूप से हमारे इन रिश्तेदारों के आने के बाद हम लोगों के घर पर खुशी का माहौल है।


Conclusion:बाइट: अब्दुल वाहिद प्रवासी भारतीय
बाइट: मोहम्मद फैजान अब्दुल वाहिद के रिश्तेदार
अजय कुमार मिश्र आजमगढ़ 9453766900

बताते चलें कि अब्दुल वाहिद के पिता लगभग 60 वर्ष पूर्व मलेशिया जाकर बस गए थे पर उनका दिल आजमगढ़ में ही बसता था यही कारण है कि आज भी अब्दुल वाहिद को अपने वतन की मिट्टी की महक खींच लाती है। इन दोनों प्रवासी भारतीयों की रेसर बाइक को देखने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
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