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Court cancels bail of 3 UP policemen for allegedly framing, murdering Unnao rape survivor's father

The bail plea of three Uttar Pradesh police officials who were allegedly involved in framing and murdering the father of Unnao rape survivor was cancelled by a Delhi court.

Court cancels bail of 3 UP policemen for allegedly framing, murdering Unnao rape survivor's father
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Published : Aug 13, 2019, 8:57 PM IST

New Delhi: A Delhi court on Tuesday cancelled the bail plea of three Uttar Pradesh police officials and sent them into custody for allegedly framing and murdering the father of Unnao rape survivor.

District Judge Dharmesh Sharma passed the order.

Earlier in the day, the court framed charges against expelled BJP MLA Kuldeep Sengar and others for the alleged murder of the rape survivor's father in judicial custody.

The court also framed charges against Sengar and others for allegedly assaulting and framing him in the Arms Act case in 2018.

Charges have been framed against 10 accused.

Also Read: SC refuses to pass order on restoring communication services in J&K

New Delhi: A Delhi court on Tuesday cancelled the bail plea of three Uttar Pradesh police officials and sent them into custody for allegedly framing and murdering the father of Unnao rape survivor.

District Judge Dharmesh Sharma passed the order.

Earlier in the day, the court framed charges against expelled BJP MLA Kuldeep Sengar and others for the alleged murder of the rape survivor's father in judicial custody.

The court also framed charges against Sengar and others for allegedly assaulting and framing him in the Arms Act case in 2018.

Charges have been framed against 10 accused.

Also Read: SC refuses to pass order on restoring communication services in J&K

Intro:नई दिल्ली। उन्नाव रेप मामले में पीड़िता के पिता को गलत तरीके से आर्म्स एक्ट के तहत फंसाये जाने के मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने आरोप तय करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और तीन पुलिसकर्मियों पर आर्म्स एक्ट के तहत पीड़िता के पिता को ग़लत तरीके से फंसाने का आरोप तय किया। 



Body:कोर्ट ने आर्म्स एक्ट और पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के केस को एक साथ टैग कर दिया। डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने कहा कि दोनों केसों के 43 गवाह एक ही हैं और दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं इसलिए दोनों केस टैग किए जाएं। पिछले 10 अगस्त को इस मामले में आरोप तय करने को लेकर दलीलें पूरी हो गईं थीं। 
पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ  रेप, पॉक्सो, और अपहरण की धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120(बी) , 363, 376 और पॉक्सो के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया।
पिछले 8 अगस्त को आर्म्स एक्ट के मामले में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि जांच में पाया गया कि पीड़िता और उसके परिवार वालों ने घटना की रिपोर्ट लिखवानी चाही लेकिन आरोपी विधायक के प्रभाव की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाईं लेकिन उस पर कार्रवाई तब की गई जब 7 अप्रैल 2018 को पीड़िता ने मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की। 3 अप्रैल 2018 को उसके पिता को आरोपी विधायक के भाई ने सरेआम बुरी तरह पीटा । सीबीआई ने कहा था कि जांच में ये भी पाया गया कि स्थानीय थाने की पुलिस और अधिकारियों ने इसकी शिकायतों पर कोई गौर नहीं किया और लापरवाही बरती।
पिछले 7 अगस्त को आरोपी विधायक के खिलाफ रेप के मामले में सीबीआई की ओर से दायर आरोपपत्र पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। 7 अगस्त को कोर्ट ने मीडिया को निर्देश दिया था कि वो पीड़ितों और उसके परिजनों और गवाहों के नामों का खुलासा नहीं करें।
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि आरोपी पर रेप के आरोप बिल्कुल सही हैं। सीबीआई और पीड़िता की मां की ओर से वकील धर्मेन्द्र कुमार मिश्रा और पूनम कौशिक ने कहा कि आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप तय होना चाहिए।
पिछले 6 अगस्त को कोर्ट ने सीबीआई से उन्नाव रेप मामले के पीड़िता, उसकी देखभाल करनेवालों और उसके परिजनों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी थी। कोर्ट ने उत्तरप्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिया था कि वो गवाहों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें। कोर्ट ने पीड़िता को दिल्ली शिफ्ट करने के बाद उसके परिजनों के ठहरने के बारे में भी रिपोर्ट मांगी था।
पिछले 5 अगस्त को कोर्ट ने आरोपियों कुलदीप सिंह सेंगर और शशि सिंह को आज दोबारा पेश करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को तिहाड़ जेल भेजने का आदेश दिया। 
5 अगस्त को जब दोनों को कोर्ट में पेश किया गया था तो डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने आरोपियों के वकील को आरोप पत्र पर बहस करने को कहा था । इस पर आरोपियों की ओर से कहा गया था कि क्या यह कोर्ट को इस केस को सुनने का अधिकार है तब पीड़िता के वकील धर्मेंद्र कुमार मिश्रा और पूनम कौशिक ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने धारा 142 के तहत इस कोर्ट को ही अधिकृत किया है। तब आरोपियों के वकील ने कहा था कि क्या सीबीआई की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर की नियुक्ति हो गई है तब सीबीआई की ओर से कहा गया कि हां पब्लिक प्रोसिक्यूटर की नियुक्ति के लिए नोटिफिकेशन जारी हो गया है लेकिन जिन्हें नियुक्त किया गया है वे किसी दूसरे मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट में व्यस्त हैं इसलिए वे नहीं आ सकते हैं।
आरोपियों के वकील ने था कहा कि इस मामले में आरोपपत्र पर दलीलें रखने के लिए हमें समय चाहिए । आरोपियों के वकील ने कहा था कि उन्हें भी आरोपपत्र की कापी चाहिए ताकि वे अपनी दलीलें रख सकें। उसके बाद कोर्ट ने 7 अगस्त को दोबारा दोनों आरोपियों को पेश करने का निर्देश दिया। उसी दिन सीबीआई की ओर से दायर आरोपपत्र पर दलीलें सुनेगा।
आपको बता दें कि पिछले 5 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता और उसके वकील को लखनऊ के केजीएमसी से दिल्ली एयरलिफ्ट करने का आदेश दिया था। जिसके बाद कल पीड़िता को एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया।
आपको बता दें कि पिछले 3 अगस्त को सीबीआई ने इस मामले में तीस हजारी कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।
ये मामला पहले यूपी में चल रहा था। आपको बता दें कि पिछले 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप कांड से जुड़े सभी मामलों को यूपी से दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। उसके बाद 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश में बदलाव करते हुए एक्सीडेंट मामले के दिल्ली ट्रांसफर करने पर 15 दिनों की रोक लगाने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की रोजाना सुनवाई करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने 45 दिन के अंदर ट्रायल को पूरा करने का आदेश दिया है।


Conclusion:मामला 4 जून 2017 का है जब एक नाबालिग लड़की ने बीजेपी के निलंबित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर अपने घर पर रेप करने का आरोप लगाया। लड़की विधायक के घर काम की तलाश में गई थी। इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर न्यायिक हिरासत में हैं। दूसरे अभियुक्त शशि सिंह पर आरोप है कि वो लड़की को बहला फुसलाकर सेंगर के घर ले गई। लड़की के पिता की 9 अप्रैल 2018 में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। सेंगर के खिलाफ एक और हत्या का मामला तब दर्ज हुआ जब लड़की का अपने वकील और परिजनों के साथ एक्सीडेंट हुआ। इस एक्सीडेंट में लड़की के दो परिजनों की मौत हो गई ।
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