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After Kota, 146 children died in Jodhpur's SN Medical College in Dec 2019

कोटा के जेके लोन अस्पताल में लगातार हो रही नवजातों की मौत का मामला अभी चल ही रहा है. वहीं सीएम अशोक गहलोत के गृह नगर जोधपुर के डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग से भी एक ऐसी ही घटना निकलकर सामने आ रही है. जहां हर दिन करीब 5 बच्चों की मौतें हुईं हैं.

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After Kota, 146 children died in Jodhpur's SN Medical College in Dec 2019
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Published : Jan 4, 2020, 3:45 PM IST

Updated : Jan 4, 2020, 9:05 PM IST

15:23 January 04

After Kota, 146 children died in Jodhpur's SN Medical College in Dec 2019

Rajasthan: Even as the Congress-led government of Rajasthan is under fire for failing to address the death of more than 100 children in a government-run hospital in Kota district, as many as 146 children - 98 being infants- have reportedly died in the month of December, 2019 in the Child Care Unit of SN Medical College in Jodhpur - a constituency represented by Chief Minister Ashok Gehlot.

Meanwhile, the death toll at Kota's JK Lon Hospital continues to rise with another infant's death reported on Saturday.

With this, the overall death toll of infants at Kota's JK Lon Hospital has risen to 107.

15:23 January 04

After Kota, 146 children died in Jodhpur's SN Medical College in Dec 2019

Rajasthan: Even as the Congress-led government of Rajasthan is under fire for failing to address the death of more than 100 children in a government-run hospital in Kota district, as many as 146 children - 98 being infants- have reportedly died in the month of December, 2019 in the Child Care Unit of SN Medical College in Jodhpur - a constituency represented by Chief Minister Ashok Gehlot.

Meanwhile, the death toll at Kota's JK Lon Hospital continues to rise with another infant's death reported on Saturday.

With this, the overall death toll of infants at Kota's JK Lon Hospital has risen to 107.

Intro:


Body:जोधपुर में हुई दिसम्बर में 146 बच्चों की हुई मौते



जोधपुर।

पूरे देश मे कोटा मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग में दिसम्बर में 104 बच्चों की मौत की खबर की चर्चा बनी हुई है। लेकिन प्रदेश सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा इसे एक सामान्य ही मोदी बता रहे हैं लेकिन कोटा से भी बड़ी नवजात ओं की मौत की त्रासदी मुख्यमंत्री के गृह नगर जोधपुर के डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग में हो रही है जहां हर दिन करीब 5 बच्चों की मौतें रिकॉर्ड की जा रही है अगर दिसंबर 2019 के आंकड़ों की बात करें तो यहां 146 बच्चों ने दम तोड़ा है खास बात यह है कि इनमें 98 नवजात है। आंकड़ा इसलिए ज्यादा है कि वर्ष 2019 में NICU PICU  में कुल 754 बच्चों की मौत हुई। यानी कि हर माह 62 की मौत लेकिन दिसम्बर में अचानक यह सांख्य 146 तक जा पहुंची। ऐसे में यहां की व्यवस्थाए संदेह के घेरे में है। जोधपुर मेडिकल कॉलेज एमडीएम व उमेद अस्पताल में शिशु रोग विभाग का संचालन करता है। कोटा में  हुई त्रसदी के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा तैयार की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। खास बात यह है कि ईटीवी भारत ने जब इस रिपोर्ट की पड़ताल की तो सामने आया कि मेडिकल कॉलेज ने जो आंकड़े तैयार किये उसने बच्चों की मौत का प्रतिशत विभाग भर्ती होने वाले कुल बच्चों की संख्या से निकाला जिसमे यह बहुत संतुलित नजर आता है। जबकि सर्वाधिक मौते नियोनेटल केअर यूनिट (NICU) व पीडियाट्रिक आईसीयू (PICU) में हुई है। 2019 में शिशु रोग विभाग में कुल 47815 बच्चे भर्ती हुए जिनमे 754 की मौत हुई। इस हिसाब से मौते 1.57% हुई। लेकिन 2019 में ही एनआईसीयू और पीआईसीयू में 5634  गंभीर नवजात भर्ती हुए जिनमे 754 की मौत हुई है। यह 13 फीसदी से भी ज्यादा है। अचरज इस बात का भी है कि 2019 में वार्ड में एक भी मौत नही हुई लेकिन विभाग ने मौतों का प्रतिशत निकलने में वार्डो में भर्ती होने वाले 42 हजार बच्चों की संख्या भी जोड़ दी। जिससे की मौतों की संख्या कम नजर आए। 




बदनाम रही है व्यवस्थाए

डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज के असप्तालों की व्यसवस्थाये पहले भी सवालों के घेरे में रही है। यहां 2011 में 30 से ज्यादा प्रसूताओं की संक्रमित ग्लूकोज से मौते हुई थी इसके बाद सरकार ने उमेद अस्पताल का दबाव कम करने के लिए एमडीएम अस्पताल में भी जनाना विंग शुरू की लेकिन यहां पूरे पश्चिमी राजस्थान का दबाव रहता है।





Conclusion:
Last Updated : Jan 4, 2020, 9:05 PM IST
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