New Delhi: Ahead of the winter season, Union Minister Prakash Javadekar held a meeting with 5 states, including Delhi, Punjab, Haryana, Rajasthan and Uttar Pradesh, Forest and Climate Change to chalk out a plan to tackle stubble burning issue and decided to conduct trials of stubble decomposition machine in all the agricultural-based states.
The state environment ministers of 5 states, along with the secretaries of environment departments, Central Pollution Control Board officials, representatives of Delhi Development Authority and New Delhi Municipal Council attended the meeting.
While addressing a press conference after the meeting, Javadekar said, "Stubble burning is one of the causes of air pollution and Center has provided machines for it. Trials will be done on the new decomposer machine developed by Pusa Agriculture Institute."
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केंद्र सरकार प्रदूषण कम करने के लिए लगातार ठोस कदम उठा रही है। पराली प्रबन्धन के लिए केंद्र सरकार मशीनें दे रही है व ICAR ने एक नयी डिकॉम्पोज़र तकनीक तैयार की है जिसका ट्रायल इस वर्ष हो रहा है। @moefcc pic.twitter.com/G4KOyY3u0R
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) October 1, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">केंद्र सरकार प्रदूषण कम करने के लिए लगातार ठोस कदम उठा रही है। पराली प्रबन्धन के लिए केंद्र सरकार मशीनें दे रही है व ICAR ने एक नयी डिकॉम्पोज़र तकनीक तैयार की है जिसका ट्रायल इस वर्ष हो रहा है। @moefcc pic.twitter.com/G4KOyY3u0R
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) October 1, 2020केंद्र सरकार प्रदूषण कम करने के लिए लगातार ठोस कदम उठा रही है। पराली प्रबन्धन के लिए केंद्र सरकार मशीनें दे रही है व ICAR ने एक नयी डिकॉम्पोज़र तकनीक तैयार की है जिसका ट्रायल इस वर्ष हो रहा है। @moefcc pic.twitter.com/G4KOyY3u0R
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He also mentioned that stubble burning cases have been reduced in the past three years. The detailed action plans prepared by various states and agencies were also discussed during the meeting.
Union Minister also informed the states that the centre has allotted a fund of Rs 1700 to the states for stubble management.
"Currently, 80% of the city to Cooperative and 50% subsidy to individuals on machinery for stubble is being provided to curb pollution caused due to stubble burning," he said.
Delhi has been asked to focus on its 13 pollution hotspots and to avoid dust, all the incomplete road construction must be completed as soon as possible.
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हमने दिल्ली, हरियाणा, यूपी और राजस्थान को ऐसे 25 हॉटस्पॉट्स की सूची दी है जहाँ धूल और कचरा प्रबंधन पर और काम करने की आवश्यकता है। हमारा विश्वास है कि यदि हम मिलकर काम करेंगे तो शीघ्र ही प्रदूषण पर नियंत्रण पा सकेंगे क्योंकि हमारा मानना है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती। pic.twitter.com/mfAQceq2aH
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">हमने दिल्ली, हरियाणा, यूपी और राजस्थान को ऐसे 25 हॉटस्पॉट्स की सूची दी है जहाँ धूल और कचरा प्रबंधन पर और काम करने की आवश्यकता है। हमारा विश्वास है कि यदि हम मिलकर काम करेंगे तो शीघ्र ही प्रदूषण पर नियंत्रण पा सकेंगे क्योंकि हमारा मानना है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती। pic.twitter.com/mfAQceq2aH
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) October 1, 2020हमने दिल्ली, हरियाणा, यूपी और राजस्थान को ऐसे 25 हॉटस्पॉट्स की सूची दी है जहाँ धूल और कचरा प्रबंधन पर और काम करने की आवश्यकता है। हमारा विश्वास है कि यदि हम मिलकर काम करेंगे तो शीघ्र ही प्रदूषण पर नियंत्रण पा सकेंगे क्योंकि हमारा मानना है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती। pic.twitter.com/mfAQceq2aH
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"Hotspots have been prepared. Central Government has given machines to decompose crop residue. Indian Council for Agriculture Research (ICAR) and Pusa's Decomposer technology will be tried in all states this year," he further added.
PUSA Decomposer is a set of four tablets made by extracting fungi strains that helps paddy straw to decompose quickly. With the use of this, farmers can mix the straw with soil for decomposition.
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ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे बनने के कारण लगभग 60,000 वाहन जिनका दिल्ली में कोई काम नही था, वो अब बाहर से ही निकल जाते हैं, जिससे प्रदूषण कम हुआ है। BS-VI प्रणाली लागू की गई है। और भी कई उपाय केंद्र सरकार और राज्यों द्वारा किए गए हैं जिनसे प्रदूषण में काफी कमी आई है। pic.twitter.com/QpNOSrwFcE
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">ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे बनने के कारण लगभग 60,000 वाहन जिनका दिल्ली में कोई काम नही था, वो अब बाहर से ही निकल जाते हैं, जिससे प्रदूषण कम हुआ है। BS-VI प्रणाली लागू की गई है। और भी कई उपाय केंद्र सरकार और राज्यों द्वारा किए गए हैं जिनसे प्रदूषण में काफी कमी आई है। pic.twitter.com/QpNOSrwFcE
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) October 1, 2020ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे बनने के कारण लगभग 60,000 वाहन जिनका दिल्ली में कोई काम नही था, वो अब बाहर से ही निकल जाते हैं, जिससे प्रदूषण कम हुआ है। BS-VI प्रणाली लागू की गई है। और भी कई उपाय केंद्र सरकार और राज्यों द्वारा किए गए हैं जिनसे प्रदूषण में काफी कमी आई है। pic.twitter.com/QpNOSrwFcE
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Javadekar also noted that there are several factors other than stubble burning which act as a fueling agent in air pollution in the national capital, including garbage burning, dust and unpaved roads.
"We are also encouraging the use of Bio CNG and bio-power. Center has also introduced BS-VI norms, power plants of Badarpur and Sonipat have been closed. Eastern and Western Peripheral expressways have helped massively in reducing vehicular pollution in Delhi," he added.