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Delhi court grants bail in Vivek Doval defamation case

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Published : May 9, 2019, 5:42 PM IST

Delhi court grants bail to Jairam Ramesh in Vivek Doval defamation case. It earlier granted bail to the editor of 'The Caravan' magazine and author of the article raising allegations against Doval.

Jairam Ramesh

New Delhi: Delhi's Rouse Avenue court on Thursday granted bail to Congress leader Jairam Ramesh in a defamation case filed by NSA Ajit Doval's son Vivek Doval. The criminal defamation case was filed against the Congress leader as well as 'The Caravan' magazine for an article published in January.

In the complaint, Doval said that the press conference jointly conducted by Jairam Ramesh and the 'The Caravan' magazine was repeating the allegations levelled in the magazine and it was an attempt to target his father.

He said that the article was published in January with a headline of 'D company' and a picture of Ajit Doval. "Baseless allegations have been put on me and my father in the article which indicates the ill intentions of the author to defame me and my family," he added.

The Congress leader, on the other hand, denied all the allegations and said that the press conference was based on facts.

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New Delhi: Delhi's Rouse Avenue court on Thursday granted bail to Congress leader Jairam Ramesh in a defamation case filed by NSA Ajit Doval's son Vivek Doval. The criminal defamation case was filed against the Congress leader as well as 'The Caravan' magazine for an article published in January.

In the complaint, Doval said that the press conference jointly conducted by Jairam Ramesh and the 'The Caravan' magazine was repeating the allegations levelled in the magazine and it was an attempt to target his father.

He said that the article was published in January with a headline of 'D company' and a picture of Ajit Doval. "Baseless allegations have been put on me and my father in the article which indicates the ill intentions of the author to defame me and my family," he added.

The Congress leader, on the other hand, denied all the allegations and said that the press conference was based on facts.

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Intro:

नई दिल्ली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल की आपराधिक मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता जयराम रमेश को जमानत दे दी है। कोर्ट ने बीस हजार रुपए के मुचलके पर जयराम रमेश को जमानत दी।


Body:आज कोर्ट के समक्ष जयराम रमेश पेश हुए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जयराम रमेश से पूछा कि क्या आप अपनी गलती स्वीकार करते हैं। क्या आपने प्रेस कांफ्रेंस की। उस प्रेस कांफ्रेंस को विवेक डोभाल मानहानि करने वाला बता रहे हैं तब जयराम रमेश ने कहा कि वह तथ्यों पर आधारित प्रेस कांफ्रेंस थी। और वह जनहित में किया गया था और किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं था।
पिछले 25 अप्रैल को कोर्ट ने कारवां मैगजीन के संपादक और मैगजीन में आलेख के लेखक को जमानत दी थी। उस दिन सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेता जयराम रमेश पेश नहीं हुए थे। 
पिछले 2 मार्च को कोर्ट ने जयराम रमेश और कारवां मैगजीन और उसके रिपोर्टर को समन जारी किया था। पिछले 11 फरवरी को दो लोगों ने पटियाला हाउस कोर्ट में अपने बयान दर्ज कराए थे। जिन लोगों ने अपने बयान दर्ज कराए थे उनमें विवेक डोभाल के बिजनेस पार्टनर अमित शर्मा और उनके दोस्त निखिल कपूर शामिल हैं। 
अमित शर्मा ने अपने बयान में कहा था कि उनके हेज फंड के खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद और झूठे हैं। अमित शर्मा ने कहा था कि उन लोगों को यह बताना काफी मुश्किल है जो इस क्षेत्र के फंक्शनिंग को नहीं जानते हैं। आम लोगों को हमारे कठिन मेहनत से अर्जित की गई प्रतिष्ठा के बारे में भी नहीं जानते हैं। उन्होंने कहा था कि विवेक डोभाल के भाई शौर्य डोभाल का हमारे बिजनेस से कोई लेना-देना नहीं है। अमित शर्मा ने कहा था कि उन्हें यह बात तब पता चली कि अजीत डोभाल विवेक डोभाल के पिता हैं जब वे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बन गए। बिजनेस के शुरू में ही यह तय था कि विवेक डोभाल के पिता के नाम का उपयोग नहीं किया जाएगा। अमित शर्मा ने कहा था कि मैगजीन में आलेख छापकर हमारे प्रोफेशनल करियर को तबाह कर दिया गया। जब मुझे उस आलेख के बारे में पता चला तो मुझे काफी गुस्सा आया था ।
दूसरे गवाह निखिल कपूर ने कहा था कि आलेख पढ़ने के बाद मुझे काफी निराशा हुई क्योंकि मुझे लगा कि इसमें सच्चाई होगी। जब विवेक से मेरी बात हुई तो मुझे पता चला कि यह चरित्र हनन करने के लिए छापा गया था। निखिल कपूर ने कहा था कि विवेक और मेरे पिताजी ने देश की सेवा के लिए वर्दी पहनी। उनका नैतिकता काफी ऊंची है। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमने मीडिया में कही हर बात पर भरोसा किया। इस आलेख को लेकर विवेक की सफाई भी आई लेकिन हमारे कई दोस्त मैगजीन में छपी खबर को सही मानते हैं।
पिछले 30 जनवरी को विवेक डोभाल ने अपने बयान में कहा था कि वे एक ब्रिटिश नागरिक होने के साथ-साथ हैं और भारत के ओवरसीज सिटिजन भी हैं। उन्होंने अपनी बीएससी और एमएससी की डिग्री लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से और सीएफए की डिग्री अमेरिका से हासिल की थी। उन्होंने कहा था कि हमने ये याचिका आरोपियों के खिलाफ उनके मानहानि वाले आरोपों के खिलाफ दायर किया है। विवेक डोभाल ने कहा था कि17 जनवरी को उनके पिता अजीत डोभाल ने कारवां मैगजीन में छपे आलेख की सच्चाई के बारे में पूछा। इससे मैं काफी दुखी हुआ था क्योंकि मैं ने हमेशा प्रोफेशनल तरीके से काम किया है। 
विवेक डोभाल ने कहा था कि आलेख का शीर्षक डी कंपनी था और उसमें मेरे पिताजी की तस्वीर छपी थी। आलेख में मेरे परिवार और पिताजी पर सवाल उठाए गए हैं। आलेख में मेरे उपक्रम जीएनवाई एशिया फंड पर मनी लाउंड्रिंग के आरोप लगाया गया है। आलेख में कहा गया है कि 8300 करोड़ रुपए का काला धन भारत लाया गया। इस आलेख से मेरे करियर और मेरे बिजनेस को काफी नुकसान हुआ। मेरी छवि धूमिल करने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा था कि 17 जनवरी को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रेस कांफ्रेंस कर आधारहीन आरोप लगाए। मुझे एक सॉफ्ट टारगेट बनाया गया जबकि असली टारगेट मेरे पिता हैं।
 पिछले 22 जनवरी को कोर्ट ने याचिका पर संज्ञान लिया था। विवेक डोभाल ने अपने वकील डीपी सिंह के जरिए कोर्ट से कहा था कि कारवां मैगजीन ने अपने लेख में डी कंपनी का जिक्र किया है जिसका मतलब दाऊद इब्राहिम गैंग होता है। डीपी सिंह ने कहा था कि लेखक कौशल श्राफ ने छापने के पहले कोई पड़ताल नहीं की। इस लेख के जरिए हमारे परिवार को टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि अगर परिवार को बदनाम करने की कोशिश नहीं की गई है तो आलेख में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के चित्र छापे गए हैं और डी कंपनी कहा गया है।
डीपी सिंह ने कहा था कि लेख में जयराम रमेश के प्रेस कांफ्रेंस का जिक्र है। जिसके बाद ट्विटर पर काफी चर्चा हुई। ये पूरे तरीके से बदनाम करने की कोशिश की गई।
याचिका में कहा गया है कि विवेक डोभाल और अमित शर्मा कैमरन आइलैंड नामक हेज फंड के डायरेक्टर हैं। याचिका में कहा गया है कि जयराम रमेश और कारवां मैगजीन ने उनके खिलाफ झूठे बयान दिए और छापे हैं। ये बयान उनके पिता अजीत डोभाल की छवि को धूमिल करने के लिए दिए गए। याचिका में कहा गया है कि जयराम रमेश ने अपने बयानों के जरिए उनकी और उनकी हेज फंड कंपनी के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग के आरोप लगाए हैं। इन बयानों से उनकी वर्षों के मेहनत से अर्जित प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है।






Conclusion:याचिका में कहा गया है कि कारवां मैगजीन ने अपने आलेख में उनकी कंपनी को डी कंपनी कहकर संबोधित किया है और उनकी और उनकी कंपनी को बदनाम करने की कोशिश की है।
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