New Delhi: Bahujan Samaj Party (BSP) supremo Mayawati on Monday asserted that her party will contest all elections in the future on its own, indicating an end of its much-talked-about alliance with the Samajwadi Party.
Promising to keep her friendly relations earlier, Mayawati also aired her complains against Akhilesh Yadav in a series of tweets.
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वैसे भी जगजाहिर है कि सपा के साथ सभी पुराने गिले-शिकवों को भुलाने के साथ-साथ सन् 2012-17 में सपा सरकार के बीएसपी व दलित विरोधी फैसलों, प्रमोशन में आरक्षण विरूद्ध कार्यों एवं बिगड़ी कानून व्यवस्था आदि को दरकिनार करके देश व जनहित में सपा के साथ गठबंधन धर्म को पूरी तरह से निभाया।
— Mayawati (@Mayawati) June 24, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">वैसे भी जगजाहिर है कि सपा के साथ सभी पुराने गिले-शिकवों को भुलाने के साथ-साथ सन् 2012-17 में सपा सरकार के बीएसपी व दलित विरोधी फैसलों, प्रमोशन में आरक्षण विरूद्ध कार्यों एवं बिगड़ी कानून व्यवस्था आदि को दरकिनार करके देश व जनहित में सपा के साथ गठबंधन धर्म को पूरी तरह से निभाया।
— Mayawati (@Mayawati) June 24, 2019वैसे भी जगजाहिर है कि सपा के साथ सभी पुराने गिले-शिकवों को भुलाने के साथ-साथ सन् 2012-17 में सपा सरकार के बीएसपी व दलित विरोधी फैसलों, प्रमोशन में आरक्षण विरूद्ध कार्यों एवं बिगड़ी कानून व्यवस्था आदि को दरकिनार करके देश व जनहित में सपा के साथ गठबंधन धर्म को पूरी तरह से निभाया।
— Mayawati (@Mayawati) June 24, 2019
"It is known that all our old grievances with the SP were kept aside, along with the anti-Dalit and ant-BSP decisions taken by the SP government between 2012-2017, works carried out that was against reservation in promotion and deteriorating law and order situation - were all kept aside and an alliance was formed in public interest which was honoured completely," she tweeted in Hindi.
"But after the Lok Sabha general election, the attitude of the SP compels BSP to think whether it will be possible to defeat the BJP in the future. Hence, for the sake of the party and the movement, the BSP will now fight all elections - big or small - by itself," BSP chief added.
After a meeting with senior party leaders on Sunday, Mayawati had accused Akhilesh Yadav of not calling her after the alliance’s poor performance in the Lok Sabha polls."
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परन्तु लोकसभा आमचुनाव के बाद सपा का व्यवहार बीएसपी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके बीजेपी को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है। अतः पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब बीएसपी आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी।
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— Mayawati (@Mayawati) June 24, 2019परन्तु लोकसभा आमचुनाव के बाद सपा का व्यवहार बीएसपी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके बीजेपी को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है। अतः पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब बीएसपी आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी।
— Mayawati (@Mayawati) June 24, 2019
In contrast, BSP chief called up Akhilesh to express her sympathy after Dimple and Dharmendra Yadav lost during elections.
Mayawati during the meeting also said that SP President is working against non-Yadav backward communities and neglecting the Muslims in the state even after he was holding the position of Uttar Pradesh Chief Minister.
The BSP entered into an electoral alliance with Akhilesh Yadav-led Samajwadi Party (SP) and Chaudhary Ajit Singh-led Rashtriya Lok Dal (RLD) in Uttar Pradesh for the Lok Sabha polls. The alliance, however, failed to make an impact in the politically crucial state.
While the BSP managed to win ten seats, SP got five seats and RLD drew a blank.
Read:| SP-BSP-RLD alliance's prospects to improve in next 2 phases: Mayawati