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'Onion to remain in short supply for some more time'

The shortage of onion would continue for some more time as the imported amount of the staple vegetable cannot meet the huge demand. The situation would improve only after next crop come to the market. An expert believes improvement in storage facilities is the key to the problem as production is an issue.

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Published : Dec 11, 2019, 3:08 AM IST

New Delhi: Onion, the staple vegetable, would continue to be in short supply in the country as whatever amount of it is being imported from other nations has failed to meet the huge demand of the agricultural product.

An expert and farmers' leader Pushpendra Chowdhary told ETV Bharat here that the problem would continue for some more time as the imported amount of onion is failing to meet the demand.

'Onion to remain in short supply for some more time'

"The government has purchased onions from various countries but it's not enough," he said, adding that the situation would improve only after the next crop of onions come into the market.

He said onions, potatoes and tomatoes are three important vegetables that form 50 per cent of the total vegetables grown and eaten in India.

"It's not that the vegetables produced in India are not enough for home consumption. We were, in fact, exporting onions last year," he said, adding that the government must improve the storage infrastructure as the crop cannot be produced every day.

"We are growing more than the requirement but it has to be stored properly, so when in need, it could be taken from the storage," said.

Chowdhary said it would help both - the farmers and the consumers.

Also, read: Federal US commission doesn't respect Indian democracy: Former Foreign Secretary

New Delhi: Onion, the staple vegetable, would continue to be in short supply in the country as whatever amount of it is being imported from other nations has failed to meet the huge demand of the agricultural product.

An expert and farmers' leader Pushpendra Chowdhary told ETV Bharat here that the problem would continue for some more time as the imported amount of onion is failing to meet the demand.

'Onion to remain in short supply for some more time'

"The government has purchased onions from various countries but it's not enough," he said, adding that the situation would improve only after the next crop of onions come into the market.

He said onions, potatoes and tomatoes are three important vegetables that form 50 per cent of the total vegetables grown and eaten in India.

"It's not that the vegetables produced in India are not enough for home consumption. We were, in fact, exporting onions last year," he said, adding that the government must improve the storage infrastructure as the crop cannot be produced every day.

"We are growing more than the requirement but it has to be stored properly, so when in need, it could be taken from the storage," said.

Chowdhary said it would help both - the farmers and the consumers.

Also, read: Federal US commission doesn't respect Indian democracy: Former Foreign Secretary

Intro:प्याज की बढती कीमत से परेशान जनता के लिये बहरहाल राहत के आसार नहीं दिख रहे हैं । विशेषज्ञों की माने तो सरकार ने बेशक सवा लाख टन प्याज निर्यात करने को हरी झंडी दे दी है लेकिन 15 जनवरी से पहले ये खेप पहुँचने की संभावना नहीं दिख रही है ।
ईटीवी भारत ने इस विषय पर किसान नेता चौधरी पुष्पेंद्र सिंह से बातचीत की ।
पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने कीमतों पर काबू पाने के लिए 1 दशमलव 200000 टन प्याज विदेशों से आयात करने का निर्णय लिया है इसमें से मिस्र तुर्की आदि देशों से कुल 21000 टन प्याज आयात के सौदे किए जा चुके हैं लेकिन देश की लगभग 7000 टन प्रति दिन की मांग या खपत के मुकाबले यह काफी कम है । इतना ही नहीं प्याज की खेप को देश तक पहुंचने में समय लगेगा ।
किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह का कहना है की प्याज की कम आवक ना काफी व विलंबित आयात के कारण प्याज के दाम फिर से बढ़ने लगे हैं । आगे जानकारी देते हुए पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार इस साल अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 4.62% पर पहुंच गई जो पिछले 16 महीनों से सबसे ज्यादा है इसका मूल कारण खाद्य पदार्थों विशेषकर सब्जियों की महंगाई दर लगातार बढ़ना बताया गया है जबकि इसी साल की बात है जब किसान कम कीमत मिलने के कारण सड़कों पर सब्जियां फेंकने पर मजबूर हुए थे । सरकार ने हाल में प्याज की कीमतों पर काबू पाने के लिए भंडारण सीमा थोक व्यापारियों के लिए 500 क्विंटल और खुदरा व्यापारियों के लिए 100 क्विंटल तय कर दी थी । इसके साथ ही प्याज के निर्यात को भी पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया था।


Body:अब सवाल यह है कि तमाम कोशिशों के बावजूद आखिर सरकार प्याज टमाटर आलू व अन्य सब्जियों की कीमतों को नियंत्रित रखने उपभोक्ता और किसानों के हितों की रक्षा करने में बार-बार नाकाम क्यों होती है ?

बतौर पुष्पेंद्र सिंह हमारे देश में सब्जियों का पर्याप्त उत्पादन होता है और यहां तक कि हम निर्यात करने वाले सबसे बड़े देशों में भी शुमार हैं साल 2018-19 में 530 लाख टन सब्जियों का उत्पादन हुआ । इसी तरह प्याज का उत्पादन इस वर्ष 235 लाख टन और टमाटर का उत्पादन 194 लाख टन रहा ।
गत वर्ष 22 लाख टन प्याज निर्यात कर हम विश्व के सबसे बड़े प्याज निर्यातक थे । आलू प्याज टमाटर की कीमतों को स्थिर रखने के लिए सरकार ने पिछले साल 500 करोड़ की योजना ऑपरेशन ग्रीन स्टॉप शुरू की थी जिसका उद्देश्य एक तरफ उपभोक्ताओं को इन सब्जियों की उचित मूल्य पर उपलब्ध कराना था जबकि दूसरी तरफ किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाना भी था । लेकिन यह कदम भी नाकाफी साबित हुए ।
जाहिर तौर पर सरकार को इसके लिए और भी कदम उठाने होंगे।
सबसे पहले तो हमें इन फसलों के उचित मात्रा में खरीद भंडारण और वितरण के लिए कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था करनी होगी ।
हमारे देश में लगभग 8000 कोल्ड स्टोरेज हैं लेकिन इनमें से 90% में आलू का ही भंडारण किया जाता है यही कारण है कि आलू की कीमतों पर कभी अप्रत्याशित उछाल नहीं आता टमाटर का लंबे समय तक भंडारण संभव नहीं है लेकिन फिर भी अच्छी मात्रा में इसे रखा जा सकता है । इसी तरीके से प्याज के भंडारण को भी बड़े पैमाने पर बढ़ाने की जरूरत है जिससे कि किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के हितों की रक्षा की जा सके ।


Conclusion:

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