ETV Bharat / bharat

Meet 106-year-old freedom fighter from UP

Govardhan Lal Kanaujia, a 106-year-old freedom fighter hailing from Uttar Pradesh's Kannauj enthusiastically participated in various freedom struggle movements. He might be a centenarian but he is still 'ready to do anything for his country'.

Govardhan Lal Kanaujia in conversation with ETV Bharat
Govardhan Lal Kanaujia in conversation with ETV Bharat
author img

By

Published : Jan 26, 2020, 9:36 PM IST

Kannauj: Behind India's independence there are tales of wars, rebellions and movements which united the country regardless of anyone's age, creed, and gender.

Our forefathers struggled, fought and even sacrificed their lives in an effort to create India of their dreams. India which is free, thriving, enabling and ever-evolving.

Govardhan Lal Kanaujia in conversation with ETV Bharat

On the auspicious occasion of India's 71st Republic day, let us know the story of 106-year-old freedom fighter hailing from Uttar Pradesh's Kannauj who played an important role during India's freedom movement.

Govardhan Lal Kanaujia still remember those days when he was part of various movements led by Mahatma Gandhi and other leaders, contributing in whichever way possible.

His deep wrinkles seem to carve a map of his life, telling stories of his patriotic spirit and zeal.

This freedom fighter decided to dedicate his life for the welfare of the nation, during 1929, when Gandhi was pursuing swaraj and participated in many movements led by him.

Such was his involvement that he was even sentenced to life imprisonment by the British government.

"I'm alive and at this age also I'm ready to do anything for my country. My body might 106 years old but my spirit is no less than a young boy," told Kanaujia to ETV Bharat.

ALSO READ: R-Day LIVE: States showcase tableau at Rajpath

Kannauj: Behind India's independence there are tales of wars, rebellions and movements which united the country regardless of anyone's age, creed, and gender.

Our forefathers struggled, fought and even sacrificed their lives in an effort to create India of their dreams. India which is free, thriving, enabling and ever-evolving.

Govardhan Lal Kanaujia in conversation with ETV Bharat

On the auspicious occasion of India's 71st Republic day, let us know the story of 106-year-old freedom fighter hailing from Uttar Pradesh's Kannauj who played an important role during India's freedom movement.

Govardhan Lal Kanaujia still remember those days when he was part of various movements led by Mahatma Gandhi and other leaders, contributing in whichever way possible.

His deep wrinkles seem to carve a map of his life, telling stories of his patriotic spirit and zeal.

This freedom fighter decided to dedicate his life for the welfare of the nation, during 1929, when Gandhi was pursuing swaraj and participated in many movements led by him.

Such was his involvement that he was even sentenced to life imprisonment by the British government.

"I'm alive and at this age also I'm ready to do anything for my country. My body might 106 years old but my spirit is no less than a young boy," told Kanaujia to ETV Bharat.

ALSO READ: R-Day LIVE: States showcase tableau at Rajpath

Intro:26 जनवरी स्पेशल
-----------------------
कन्नौज : 106 साल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ने गांधी जी के साथ किया था यह काम

-----------------------------------------------------

उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में आज भी गांधी जी का सत्याग्रह और स्वतंत्रता की लड़ाई में साथ देने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गोवर्धन लाल कनौजिया मौजूद हैं । इस समय उनकी उम्र करीब 106 साल की हो चुकी है, लेकिन उनका राष्ट्र के प्रति जो जज्बा है, वह आज भी उसी तरह से कायम है, जो गांधीजी के समय में था । जब उन्होंने गांधीजी के साथ स्वतंत्रता की लड़ाई लड़कर देश को आजादी दिलाई थी। शरीर भले ही उनका बूढ़ा हो गया हो लेकिन उनका मन आज भी जवान है और वह आज भी राष्ट्र के लिए अपने को समर्पण करने को तैयार हैं। उनका कहना है कि यह जीवन राष्ट्र के लिए ही समर्पण है । आइए देखते हैं कन्नौज से यह स्पेशल रिपोर्ट।


Body:कन्नौज में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गोवर्धन लाल कनौजिया अब 106 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके हैं । उनके हौसले आज भी बुलंद है और आज भी आजादी की लड़ाई में जो जज्बा उन्होंने दिखाया था वह जज्बा मन में लिए राष्ट्र को समर्पण की भावना से जीवन जी रहे हैं । उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत को नीचा दिखाने के लिए जो भी कार्य किए वह देश की आजादी के लिए महत्वपूर्ण थे, सन 30 से गांधी जी के साथ 31 सितंबर सन 29 को यह व्रत ले लिया था कि वह अपने जीवन को देश के हित में लगाएंगे । जिसके बाद से लगातार सन 30, 32, 39, 40, उनकी स्वतंत्रता के समय की कहानी आज भी लोगों के दिलों में बैठी हुई है उन्होंने बताया कि उस समय अंग्रेजी हुकूमत से लोग बहुत डरते थे, अगर एक चौकीदार गांव में आ जाता था तो लोग घरों में छिप जाते थे।

अंग्रेजी हुकूमत में भी दिलेरी का किया काम

13 अगस्त 1942 को होने वाली मीटिंग को लेकर अंग्रेज बहुत सतर्क हो गए थे तब उन्होंने एक ऐसा खेल खेला और कन्नौज तहसील में आग लगा दी जिसके बाद अंग्रेजों का ध्यान उधर से भटक गया और तिर्वा में एक दरोगा की वर्दी उन्होंने फार दी और उसकी रिवाल्वर छीन कर उसको मरणासन्न कर छोड़ दिया।


Conclusion:गांधी जी के नारे की गूंज मुंबई से पहुंची थी कन्नौज तक

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गोवर्धन लाल कनौजिया ने बताया कि वह अगस्त 1942 में गांधी जी के साथ रहे और वह 1942 के आंदोलन में जेल भी गए हैं । 9 अगस्त 1942 की रात को जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने मुंबई से करो या मरो का नारा दिया, तो उसका फरमान कन्नौज के तिर्वा तक पहुंचा था। जिस पर उन्होंने भी जेल भरो आंदोलन का हिस्सा बनकर अंग्रेजी हुकूमत में जेल गए थे।


सत्याग्रह में गांधी जी का साथ देने वाले आज भी हमारे बीच हैं मौजूद

आजादी की लड़ाई के फ्रीडम फाइटर गोवर्धन लाल कनौजिया आज भी हमारे बीच में मौजूद हैं । जो कन्नौज जिले के तिर्वा क्षेत्र के रहने वाले हैं और इनकी उम्र करीब 106 वर्ष की हो चुकी है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गोवर्धन लाल कनौजिया का कहना है कि मैंने अंग्रेजी हुकूमत को नीचा दिखाने के लिए जो भी कार्य किए सन् 30 से गांधी जी के आगमन के बाद 31 सितंबर सन 29 को यह व्रत ले लिया था कि मैं अपने जीवन को देश के हित में लगाएंगे और बराबर लगातार सन 30, 32, 39, 40 और 42 तक हमने सभी कार्यक्रमों में गांधीजी के साथ रहा और आजीवन कारावास की सजा प्राप्त की। मैं आज जीवित हूं और मैं अभी भी राष्ट्र के प्रति नतमस्तक करते हुए हमेशा के लिए अपना जीवन दे रहा हूं।


राष्ट्र के लिए अपने को दिया बैठा हूं : गोवर्धन लाल कनौजिया

उनका कहना है कि यद्यपि मैं 106 वर्ष का हो गया हूं, परंतु फिर भी मेरे अंदर लालसा यही है कि मैं अपनी उम्र को देखते हुए आज आपके सामने एक लड़के की तरह से अपना जीवन व्यतीत कर रहा हूं । मैं नहीं समझता हूं कि मैं 106 वर्ष का हूं । आज भी हमारा मन हमेशा राष्ट्र के प्रति जो कुछ भी लगाने के लिए हो रहा है । मैं राष्ट्र के लिए अपने को दिए बैठा हूं।

बाइट - गोवर्धन लाल कनौजिया - स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, कन्नौज
-------------------------------------
कन्नौज से पंकज श्रीवास्तव
09415168969
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.