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Grave concern: DMC report flags disappearance of Christian cemeteries in Delhi

DMC report says Christian burial grounds are disappearing in the national capital. The report puts forward several suggestions including increasing capacity of existing graveyards, construction of new graveyards, retrieval of lost cemeteries and adoption of space-saving method.

Grave concern: DMC report flags disappearence of Christian cemeteries in Delhi
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Published : Sep 29, 2019, 10:51 AM IST

Updated : Sep 29, 2019, 3:19 PM IST

New Delhi: Delhi is running out of urban spaces and is facing a crisis in terms of inadequate availability of space for graveyards for Christian community.

According to a report by the Delhi Minorities Commission, the ancient Christian graveyard behind the Red Fort area has disappeared. A large stone cross is all that is left, having information about the graveyard inscribed in them.

DMC report flags disappearence of Christian cemeteries in Delhi

The Delhi Minority Commission has taken up the matter and assured the involvement of ASI in the investigation.

The DMC had earlier flagged the scarcity of Muslim graveyards and cemeteries due to the lack of availability of land. The latest case has emerged from the Daryaganj area of ​​central Delhi, where a large parking was built in the name of Red Fort Tourism in place of an ancient Christian cemetery.

Several existing cemeteries face severe electricity shortage and lack of proper drainage facilities. At the same time, most of Delhi's cemeteries are facing a cash crunch.

The commission has also conducted a study of the cemetery in view of the current situation. A team gathered data related to the church and cemetery and interacted with the church leaders and representatives.

The report puts forward several suggestions including increasing capacity of existing graveyards, construction of new graveyards, retrieval of lost cemeteries and adoption of space-saving method.

The study revealed that there are seven cemeteries all over Delhi including Indian Christian Cemetery, Burari, MCD Christian Cemetery, Dwarka, St. Thomas, Tughlakabad, Mangolpuri, Okhla Cemetery, Christian Cemetery, Bihari Colony and St. John's Cemetery Mehrauli.

While there is no space left for the dead to be buried in Burari, Dwarka and Tughlakabad cemetery, it is suggested to immediately create a new cemetery keeping in mind the need the existing facilities.

Read: Christian girls soft target for Islamist terror: Minority Commission to MHA

New Delhi: Delhi is running out of urban spaces and is facing a crisis in terms of inadequate availability of space for graveyards for Christian community.

According to a report by the Delhi Minorities Commission, the ancient Christian graveyard behind the Red Fort area has disappeared. A large stone cross is all that is left, having information about the graveyard inscribed in them.

DMC report flags disappearence of Christian cemeteries in Delhi

The Delhi Minority Commission has taken up the matter and assured the involvement of ASI in the investigation.

The DMC had earlier flagged the scarcity of Muslim graveyards and cemeteries due to the lack of availability of land. The latest case has emerged from the Daryaganj area of ​​central Delhi, where a large parking was built in the name of Red Fort Tourism in place of an ancient Christian cemetery.

Several existing cemeteries face severe electricity shortage and lack of proper drainage facilities. At the same time, most of Delhi's cemeteries are facing a cash crunch.

The commission has also conducted a study of the cemetery in view of the current situation. A team gathered data related to the church and cemetery and interacted with the church leaders and representatives.

The report puts forward several suggestions including increasing capacity of existing graveyards, construction of new graveyards, retrieval of lost cemeteries and adoption of space-saving method.

The study revealed that there are seven cemeteries all over Delhi including Indian Christian Cemetery, Burari, MCD Christian Cemetery, Dwarka, St. Thomas, Tughlakabad, Mangolpuri, Okhla Cemetery, Christian Cemetery, Bihari Colony and St. John's Cemetery Mehrauli.

While there is no space left for the dead to be buried in Burari, Dwarka and Tughlakabad cemetery, it is suggested to immediately create a new cemetery keeping in mind the need the existing facilities.

Read: Christian girls soft target for Islamist terror: Minority Commission to MHA

Intro:राजधानी दिल्ली में एक तरफ मुस्लिम कब्रिस्तान की जगहों पर कब्जे होने, वहां पर प्लॉटिंग किये जाने की शिकायतें मिल रही थीं, वहीं अब शहर के बीचों बीच लालकिले के पीछे मौजूद प्राचीन ईसाई कब्रिस्तान (एसेंट सेमेट्री) रहस्यमय हालात में गायब हो गया, हालांकि दरियागंज में मौजूद इस जगह पर एक बड़ा क्रॉस वाला पत्थर जरूर लगा है, जिसपर सेमेट्री के बारे में जानकारी दर्ज है. ईसाई कब्रिस्तान इस विशाल जगह पर फिलहाल एक वैध पार्किंग बना दी गई है.इस मामले को दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन ने बेहद गंभीरता से लेते हुए जांच कराए जाने के साथ ही एएसआई को भी तलब करने का आश्वासन दिया है.


Body:दिल्ली के बीचोबीच मौजूद ऐतिहासिक लालकिले के ठीक पीछे मौजूद एसेंट सेमेट्री (प्राचीन ईसाई कब्रिस्तान) रहस्यमय हालात में गायब हो गया है, हैरत की बात तो यह है कि इस सेमेट्री के नाम पर यहां सिर्फ एक प्राचीन आदमकद प्रतीक चिन्ह बना हुआ है जिसपर साफ साफ लिखा हुआ है कि यह जगह एक प्राचीन ईसाई कब्रिस्तान है. दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन से जब इस कब्रिस्तान के गायब होने के बारे में पूछताछ की गई,तो उन्होंने भी इस कब्रिस्तान के गायब होने से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए हैरानी जताई.

राजधानी दिल्ली में मुस्लिम कब्रिस्तान की खराब हालत के बाद ईसाई कब्रिस्तान पर कब्जों को लेकर भी शिकायतें मिलनी शुरू हो गई हैं. ताजा मामला मध्य दिल्ली के दरियागंज इलाके से सामने आया है जहां पर एक प्राचीन ईसाई कब्रिस्तान की जगह कब्जा करते हुए लालकिला टूरिज्म के नाम पर एक बड़ी पार्किंग बना दी गई.
पिछले कुछ समय पहले भी कमीशन ने लगातार मिलने वाली शिकायतों के बाद एक स्टडी भी कराई थी, जिसमें यह बात सामने आई कि कुछ लोगों ने कई कब्रिस्तानों पर कब्जे कर लिए हैं. रिपोर्ट में यह बात भी साफ हुई थी कि यह कब्जे सिर्फ आम पब्लिक ही नहीं बल्कि कई एजेंसियों ने भी किये हुए हैं.रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि मौजूदा सिमेट्री सीवर, बिजली और पानी की निकासी से जूझ रही हैं. साथ ही दिल्ली की ज्यादातर सिमेट्री फंड की कमी से भी परेशान हैं.


माइनॉरिटी कमीशन ने कराई थी कब्रिस्तान की स्टडी
कमीशन ने कब्रिस्तान की मौजूदा स्थिति और वहां की समस्याओं को देखते हुए इनकी स्टडी भी करा चुका है.फाउंडेशन ने इस स्टडी को देखते हुए अपनी टीमों को दो हिस्सों में बांटा, एक टीम ने चर्च और कब्रिस्तान से जुड़े डाटा और जरूरी जानकारियां इकट्ठा की,जबकि दूसरी टीम चर्च लीडर्स और प्रतिनिधियों से बातचीत कर कब्रिस्तान की मौजूदा हालात का जायजा लिया.


रिपोर्ट में जताई थी दफनाने की दिक्कत की आशंका
स्टडी के बाद तैयार रिपोर्ट में कमीशन को कई सुझाव भी दिए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि यदि प्रशासन जल्द इन कब्रिस्तानों पर हुए कब्जों को नहीं हटवाता तो आने वाले समय में कब्रिस्तान में मुर्दों को दफन करने के लिए जगह ही नहीं बचेगी. ऐसे में प्रशासन के लिए भी यह जरूरी हो गया है कि ऐसी जगहों को कब्जों से मुक्त कराकर उन्हें संबंधित समाज को वापस सौंपा जाए.


पूरी दिल्लीभर में हैं आधा दर्जन ओपन ईसाई कब्रिस्तान
स्टडी में सामने आया कि पूरी दिल्ली में सात कब्रिस्तान मौजूद हैं जिनमें इंडियन क्रिश्चयन सिमेट्री, बुराड़ी, एमसीडी क्रिश्चयन सिमेट्री, द्वारका, सेंट थॉमस, तुगलकाबाद, एल्फा ओमेगा, मंगोलपुरी,ओखला सिमेट्री, क्रिश्चयन सिमेट्री, बिहारी कालोनी और सेंट जोंस सिमेट्री महरौली मौजूद है. रिपोर्ट में बताया गया है कि इसके अलावा मौजूद सिमेट्री को बंद कर दिया गया है, और वहां केवल परिवार के लिए ही डबलिंग में जगह दी जा रही हैं.
सेंट जोंस सिर्फ सीएनआई परिवार को ही दिया जाता है, वहीं ओखला सिर्फ पेरिश परिवार ही इस्तेमाल कर सकते हैं.

दिल्ली के इन इलाकों में रहते हैं क्रिश्चियन
रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि दिल्ली की कुछ खास जगह ही हैं, जहां क्रिश्चियन आबादी निवास करती है. इसमें मयूर विहार, आर.के. पुरम, महरौली, दरियागंज, करोल बाग,बुराड़ी, रोहिणी, पुल बंगश, द्वारका और नजफगढ़ शामिल हैं. पांच मेन सिमेट्री में से दो ही चल रही हैं जबकि बुराड़ी, द्वारका और तुगलकाबाद सिमेट्री में तो मुर्दों को दफ़नाने के लिए जगह ही नहीं बची है, ऐसे में नई जगह की जरूरत को ध्यान में रखते हुए तुरंत नई सिमेट्री बनाने का सुझाव दिया गया है.



Conclusion:राजधानी में मुस्लिम कब्रिस्तान गायब होना भले ही आश्चर्य में न डालता हो, लेकिन ऐतिहासिक लाल किले के ठीक पीछे रोड साइड पर कोतवाली के सामने मौजूद एक प्राचीन ईसाई सिमेट्री(कब्रिस्तान) का गायब हो जाना यकीनन हैरान करता है, हैरत की बात तो यह है कि यह कब्रिस्तान कोई आम कब्रिस्तान नहीं बल्कि उन अंग्रेजों की कब्रों से भरा था जिनका संबंध कहीं न कहीं भारत से रह है.माइनॉरिटी कमीशन ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इसकी जांच कराने के साथ ही सम्बंधित एजेंसियों से जवाब तलब करने का आश्वासन दिया है.

बाईट 1
डॉ. जफरुल इस्लाम खान
चेयरमैन, माइनॉरिटी कमीशन, दिल्ली

बाईट 2
अनस्तासिया गिल
क्रिश्चियन मेंबर, डीएमसी
Last Updated : Sep 29, 2019, 3:19 PM IST
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