जौनसार बाबर के इस शिव मंदिर में मुर्दे में भी आ जाती है जान, पांडवों से जुड़ा है धाम का इतिहास
विकासनगर: देवभूमि का जौनसार क्षेत्र अपने आप में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को समेटे हुए है. जहां पग-पग पर स्थित पौराणिक मंदिर और ऐतिहासिक मेले लोगों को हमेशा ही अपनी ओर आकर्षित करते रहे हैं. लेकिन आपको आज हम ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां शिवलिंग पर जल चढ़ाने पर स्वयं का प्रतिबिंब दिखाई पड़ता है. जिस चमत्कार को देखकर यहां लोग खींचे चले आते हैं. जौनसार बावर में अनेकों अनेक चमत्कार देखने और सुनने को मिलते हैं. यह पौराणिक मंदिर राजधानी देहरादून से करीब 128 किलोमीटर दूर जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र के लाखामंडल गांव में स्थित है. जिसका इतिहास रामायणकाल से जोड़कर देखा जाता है. यह मंदिर छठी व सातवीं शताब्दी का माना जाता है. पौराणिक मान्यता है कि कौरवों ने षड्यंत्र रचकर यहां पर लाक्षागृह का निर्माण कराकर पांडवों को अज्ञातवास के दौरान जलाने का प्रयास किया था.