आयुष मंत्री बोले- 'योग की जन्मभूमि में ही जागरुकता का अभाव, बजट बना प्रचार-प्रसार में रोड़ा'
देश-दुनिया में योग को अब न केवल स्वास्थ्य लाभ के रूप में बल्कि रोजगार सृजन और बड़े व्यवसाय के रूप में भी देखा जा रहा है. लेकिन योग की जन्म स्थली होने के बावजूद आज भी धन की कमी के चलते सूबे में योग उस स्तर पर नहीं पहुंच पाया है, जिसकी उम्मीद की जा रही थी. आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने के प्रचार-प्रसार को लेकर किए जा रहे प्रयासों को ETV Bharat से साझा किया.