चाय के बागान बदल सकते हैं उत्तराखंड के किसानों की तकदीर, जानिए एक्सपर्ट की राय - Tea gardens in india
देहरादून: उत्तराखंड के मूल निवासी और चाय विशेषज्ञ विनोद बिष्ट अपने करियर के 40 साल दार्जिलिंग सहित नॉर्थ ईस्ट चाय बागानों को विकसित करने में व्यतीत किया है. विनोद बिष्ट के मुताबिक उत्तराखंड में चाय बागान इसलिए कारगर साबित नहीं हो पाए. क्योंकि यहां पर जमीन की कीमत बहुत ज्यादा है. इसके साथ ही उत्तराखंड में श्रमिकों का खर्च भी नॉर्थ ईस्ट में आने वाले खर्च से कई गुना ज्यादा है. उत्तराखंड एक पर्यटन राज्य है और यहां पर पारिश्रमिक मूल्य उत्तरी पूर्वी राज्यों से कई ज्यादा है.