उत्तराखंड के नेचुरल वाटर रिसोर्स होंगे पुनर्जीवित - डेढ़ सौ सालों में उत्तराखंड में 360 जलधाराओं में 300
देश के अन्य हिस्सों की तरह उत्तराखंड में भी सूखती जलधाराएं चिंता का सबब बनने लगी हैं. वर्ष 2018 में नीति आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले डेढ़ सौ सालों में उत्तराखंड में 360 जलधाराओं में 300 या तो सूख चुकी हैं, या फिर सूखने के कगार पर हैं. न सिर्फ ग्लेशियरों से निकलने वाली जलधाराएं, बल्कि नदियों को जीवन देने वाले प्राकृतिक जलस्रोत भी सूख रहे हैं. उत्तराखंड सरकार प्रदूषण के चलते खत्म होने की कगार पर पहुंच चुके नहर और तालाबों को पुनर्जीवित करने के लिए कदम बढ़ा रही है. ऐसे में सर्वे ऑफ इंडिया उत्तराखंड के नेचुरल स्प्रिंग्स का अध्ययन करेगा.