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देवभूमि में सातू-आठू पर्व की धूम, लोकगीतों पर जमकर थिरक रहे लोग

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Published : Aug 22, 2019, 3:35 PM IST

बागेश्वर: कुमाऊं और गढ़वाल की सीमा पर स्थित कुलाऊं गांव में आठ दिनों तक चलने वाले आठूं पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. इस पर्व की खास बात यह है कि इस पर्व में कुमाऊं और गढ़वाल की पारंपरिक विरासत साझा रूप से देखने को मिलती है.ग्रामीण महिलाएं और पुरुष मिलकर झोड़ा-चांचरी का गायन करते हुए नृत्य करते हैं. जिसका लोग जमकर लुत्फ उठाते हैं. गौर हो कि गरुड़ तहसील से 20 किमी की दूरी पर गढ़वाल और कुमाऊं की सीमा पर स्थित कुलाऊं गांव में आठूं पर्व पर मां भगवती (मां नंदा देवी) की आठ दिनों तक उपासना की जाती है. यह पर्व गढ़वाल और कुमाऊं की संस्कृति के अनूठे मिलन का गवाह भी है. जहां पर गढ़वाल और कुमाऊं की लोक संस्कृति एक साथ देखने को मिलती है. इस धार्मिक कार्य में लोग बढ़-चढ़ कर भाग लेते हैं. कुलाऊं क्षेत्र की महिलाएं और पुरुष मिल कर रात्रि में गढ़वाली और कुमांऊनी भाषा में पौराणिक लोकगाथाओं को झोड़ा- चांचरी के रूप में गाते हुए चांचरी गायन करते हैं.

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