घरों में लगे ताले बयां कर रहे दर्द-ए-दास्तां, क्या सिर्फ यादों में सिमट कर रह जाएंगे गांव?
अल्मोड़ा: पहाड़ की समस्याएं भी पहाड़ जैसी ही हैं. सामरिक महत्व के बंद पड़े गांवों की हालत को देख हर किसी का दिल पसीज जाता है. लेकिन इन गांवों की तस्वीर को देखकर मानों ऐसा लगता है कि यहां के नुमाइंदों की आवाज सरकार के कानों तक नहीं पहुंच पा रही है. जिससे लोग पलायन करने को विवश है. जिनके दिलों में अपने पुश्तैनी घरों को छोड़ने का दर्द हमेशा साफ झलकता है.