इस मंदिर के चमत्कार को देखकर नासा के वैज्ञानिक भी हैरान, विवेकानंद की रही है तपोभूमि
प्राकृतिक सौन्दर्य से लबरेज सांस्कृतिक नगरी की बात ही कुछ अलग है. इस क्षेत्र की दिव्यता का इसी बात से पता चलता है कि स्वामी विवेकानंद को भी ये जगह काफी प्रिय थी. जहां वे अकसर ध्यान लगाने आते थे. यहां पौराणिक आस्था और विश्वास से जुड़े कई स्थल हैं. इन्हीं में से एक है अल्मोड़ा से 5 किमी दूर कसार देवी मंदिर जहां से स्वामी विवेकानंद की कई यादें जुड़ी हुई हैं. यूं तो सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा अपनी सांस्कृतिक पहचान के लिए विख्यात है. लेकिन, सांस्कृतिक पहचान से इतर अल्मोड़ा, धार्मिक एवं पौराणिक आस्था के केंद्रों के लिए भी समूचे प्रदेश में अपनी एक विशिष्ट पहचान भी रखती है. अल्मोड़ा से 5 किमी दूर कसार देवी मंदिर जहां से स्वामी विवेकानंद की कई यादें जुड़ी हुई हैं. जो काषय (कश्यप) पर्वत में स्थित है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं प्राकृतिक सौन्दर्य के साथआध्यात्मिक शांति भी मिलती है. मंदिर निर्माण में प्रयुक्त प्रस्तर-शैली देखकर इतिहासकार इस मंदिर को दूसरी शताब्दी के समयकाल का निर्मित बताते हैं.