आखिर गुर्जर समुदाय के कब आएंगे अच्छे दिन, यहां नहीं दिखता PM मोदी का 'सबका साथ-सबका विकास' - Gurjar Community Problems
पुरोला: आधुनिकता की चकाचौंध से कोसों दूर अपने मवेशियों के साथ जंगल में जीवन यापन करने वाले गुर्जर समुदाय के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन करने को मजबूर हैं. उक्त समुदाय के लोगों के अनुसार उन्हें प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है, बल्कि कईं बार जंगली जानवरों से भी खतरा बना रहता है. इन समुदायों को मुख्यधारा में लाने के लिए सरकारें कई योजनाएं तो बनाती है, लेकिन योजनाएं धरातल में नहीं उतर पाती है. जिससे वर्षों से गुर्जर समुदाय के लोग मुफलिसी का जीवन जीने को मजबूर हैं. गौर हो कि गुर्जर समुदाय के लोगों को इतिहासकारों ने कभी सूर्यवंशी, रघुवंशी, रघुग्रामीन तो राजस्थान में मिहिर शब्दों से इनकी पहचान समाज के सामने लाने की कोशिश की. आज यह समुदाय अपनी पहचान और स्थाई पहचान की मांग कर रहे हैं. जिससे आने वाली पीढ़ी को दर-दर की ठोकर न खानी पढ़ें. अतीत से ही गुर्जर समुदाय के लोग छोटे छोटे कबीलों में रहकर जंगलों में अपने मवेशियों के साथ ही अपना जीवन यापन करते आ रहे हैं. समुदाय के लोगों का मुख्य कार्य पशु पालन रहा है.