धधकते जंगलों की तपिश से तेजी से पिघल रहे ग्लेशियर - Damage to glacier due to fire in forests
उत्तराखंड के पहाड़ों पर हर साल जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. इससे बड़ी संख्या में पेड़ों, जीव जंतुओं और पर्यावरण को नुकसान हो रहा है. जंगलों की आग से वायु प्रदूषण की समस्या भी बढ़ रही है. आग लगने की घटनाओं के कारण अब वैज्ञानिकों की चिंताएं भी बढ़ने लगी हैं. वैज्ञानिक आग की धुंध, धुंए और गर्मी से पर्यावरण व हिमालयी ग्लेशियरों के नुकसान की संभावना जता रहे हैं.पहाड़ी क्षेत्रों के जंगलों में लगी आग का उच्च हिमालयी क्षेत्रों तक भी असर पड़ता है. वैज्ञानिकों के अनुसार आग लगने से पर्यावरण में काले कार्बन की मात्रा बढ़ जाती है, इससे तापमान में बढ़ोतरी होती है, जिससे ग्लेशियर तेजी से पिघलने लगते हैं.