विश्व दिव्यांग दिवस: पैर गंवाने के बाद भुवन चंद्र ने बदली तकदीर, बना डाली एक खास कार
हल्द्वानी: मिलेगी परिंदों को मंजिल ये उनके पर बोलते हैं, रहते हैं कुछ लोग खामोश लेकिन उनके हुनर बोलते हैं. जो अपनी दिव्यांगता को तकदीर का अभिशाप न समझकर अपने मन की उमंग से हाथों में खिंची लकीर को बदलकर इसे वरदान में बदल लेते हैं. जो अपनी किस्मत की लकीरों पर भरोसा न करके अपने हुनर को ही जीवनशैली का हिस्सा बना लेते हैं. ऐसे ही एक शख्स हैं हल्द्वानी के भुवन चंद्र गुणवंत, जिन्होंने अपने बुलंद हौसलों से कार को दिव्यांगों के हिसाब से मॉडिफाई किया है.