...हाथों की लकीरों पर मत कर यकीन, तकदीर उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते
ऋषिकेश: मत कर हाथ की लकीरों पर यकीन क्योंकि तकदीर उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते. जी हां ये लाइनें ऋषिकेश के मायाकुंड में रहने वाली दिव्यांग अंजना मलिक पर सटीक बैठती हैं. जिनकी पेंटिंग के देश ही नहीं सात समुंदर पार के लोग भी मुरीद हैं. जिन पेंटिंग्स पर अंजना हाथ से नहीं पैरों से रंगों को उकेरती हैं. अंजना मलिक ने अपने दिव्यांग होने को कभी आड़े नहीं आने दिया उसने इसे ही अपना हुनर बना लिया. उनके इस हुनर को लोग सलाम करते हैं.