वैश्विक महामारी कोरोना और लॉकडाउन का असर समाज के हर तबके पर पड़ रहा है. सड़क किनारे ढाबा चलाने वाले भी इसकी मार से नहीं बचे हैं. आम तौर पर यात्रियों, गाड़ी और ट्रक चालकों-परिचालकों से गुजलार रहने वाले ढाबों पर इन दिन खामोशी छाई हुई है. लॉकडाउन के बाद से ही इन ढाबा संचालकों पर ऐसी मार पड़ी कि अब इनकी परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. जिसके कारण राज्य के ढाबा संचालक मदद के लिए राज्य सरकार से गुहार लगा रहे हैं.