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चमोली की महिलाओं का चमत्कार, पिरूल से बनाई ईको फ्रेंडली सजावटी वस्तुएं - पिरूल का उपयोग

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Published : Nov 24, 2022, 1:01 PM IST

Updated : Feb 3, 2023, 8:33 PM IST

पहाड़ के जंगलों में लगने वाली आग का मुख्य कारण चीड़ के पेड़ों से निकलने वाले पिरूल को माना जाता हैं. वन विभाग हर साल फायर सीजन के दौरान जंगलों से पिरूल साफ करने में लाखों रुपये खर्च करता हैं. लेकिन केदरानाथ वन प्रभाग द्वारा जंगलों में बेकार पड़े पिरूल से चमोली में महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों की मदद से तरह तरह की ईको फ्रेंडली सजावटी वस्तुएं तैयार की जा रही हैं. चीड़ के पिरूल से निर्मित वस्तुओं की बिक्री के लिए केदारनाथ वन प्रभाग के द्वारा गोपेश्वर नगर में एक पिरूल हाट के नाम से एक आउटलेट भी खोला गया हैं. यहां लोग पिरूल से बनी वस्तुओं को खासा पसंद कर खरीदारी भी कर रहे हैं.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:33 PM IST

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