Joshimath Sinking: 'सरकार' अगर सुन लेती दुर्गा प्रसाद की गुहार, बच सकती थी जोशीमठ की 'पहचान'
उत्तराखंड के शहर जोशीमठ में आई आपदा के बीच ईटीवी भारत आपको ऐसे शख्स से मिलवाने जा रहे है, जिसने इस आपदा को लेकर साल 2021 में ही सचेत कर दिया था. लेकिन तब प्रशासन और स्थानीय लोगों ने उसकी बातों को गंभीरता नहीं लिया था और उनका मजाक बनाया. हम बात कर रहे हैं जोशीमठ के रहने वाले दुर्गा प्रसाद सकलानी की, जिनके घर पर सबसे पहले दरारें आई थी. दुर्गा प्रसाद सकलानी ने ईटीवी भारत से बताया कि उनका मकान टावर नंबर 3 के पास स्थित है. साल 2021 में पहली देखा कि उनके मकान में दरार आ गई है. उसको लेकर उन्होंने एक्सईएन से लेकर कई उच्चाधिकारियों से बात की. उन्होंने अधिकारियों से इस बात की शंका जताई कि हो सकता है कि जल संस्थान की पाइप लाइन धंस गई हो, लेकिन अधिकारियों ने उनकी बात को टाल दिया. जब भी वो अपने मोहल्ले में निकलते थे तो लोग उनसे कटने लगे थे. लोग सोचते थे कि अब ये भी मकान की बात करेगा. लोग उनसे फोन आने का बहाना या व्यस्त होने की बात कहकर बचने लगे थे. दुर्गा प्रसाद सकलानी बताया कि तब तक वो समझ गए थे कि अब इसका कुछ होना नहीं है. उन्होंने किसी के भी पास जाना बंद कर दिया. उनको अपने परिवार के विरोध का भी सामना करना पड़ा. उनका मकान पूरी तरह से टूट चुका है. फर्श में मोटी-मोटी दरारें हैं और छत भी टूट गई है. घर की दीवारें फट गई हैं. इन दिनों वो राहत शिविर में अपने दिन गुजारने पर मजबूर हैं.