जौनसार में पांच दिन बाद बूढ़ी दिवाली का समापन, कोरूवा गांव में दिखी लोक संस्कृति की झलक
विकासनगर के जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर(Jaunsar Bawar tribal area of Vikas Nagar) में बूढ़ी दीपावली (Budhi Diwali in Jaunsar Bawar) पर कोरूवा गांव में लोक संस्कृति की झलक (Glimpses of folk culture in Koruva village) दिखी. यहां हाथी, हिरण नृत्य के साथ बूढ़ी दीपावली का समापन (end of Budhi Diwali in Jaunsar Bawar) किया गया. जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर में पारंपरिक त्योहार काफी धूमधाम से मनाए जाते हैं. जिसे आज भी लोग संजोय हुए हैं. बूढ़ी दिवाली ऐसा ही एक त्योहार है, जो मुख्य दिवाली के ठीक एक महीने के बाद मनाई जाती है. इस बार भी पूरे पांच दिनों तक जौनसार बावर में बूढ़ी दीपावली की धूम रही. जिसका समापन हिरण और हाथी नृत्य के साथ हो गया. इस दौरान हर गांव के पंचायती आंगन में तांदी, झैंता, हारूल नृत्य देखने को मिला जहां ग्रामीण पारम्परिक वेशभूषा में थिरकते नजर आए.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:33 PM IST