बूढ़ी आंखों में तैरते ब्रिटिश हुकूमत से संघर्ष के पल, बेटे ने भी दिया देश के लिए बलिदान
आजादी की अहमियत शायद आज की पीढ़ी उतना ने समझे, लेकिन स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने वालों को इसकी कीमत बखूबी पता है. ब्रिटिश हुकूमत से संघर्ष में तब अपना सब कुछ न्योछावर करने वाले आजादी के मतवालों ने अपनी जिंदगियां भी दी और जवानी भी. देहरादून में ओम कुमारी का संघर्ष भी इतिहास के पन्नों में दर्ज है. ओम कुमारी आज 93 साल की हो गईं हैं और संभवतः देहरादून शहर में वो एक मात्र फ्रीडम फाइटर हैं, जो प्रेरणा स्रोत के रूप में हमारे बीच मौजूद हैं.
Last Updated : Aug 17, 2020, 11:50 AM IST