फाइलों में दब कर रह गई देवभूमि के रणबांकुरों की शौर्यगाथा
उत्तराखंड को ऐसे ही वीरभूमि नहीं कहा जाता है. यहां की भूमि ने न जाने ऐसे कितने जांबाज दिए है जिन्होंने आजादी के पहले से लेकर अबतक भारत माता के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए है. उत्तराखंड सैन्य इतिहास वीरता और पराक्रम के असंख्य किस्से खुद में समेटे हुए है. कारगिल युद्ध की वीर गाथा भी इस वीरभूमि के जिक्र बिना अधूरी है. सूबे के 75 सैनिकों इस युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे. बावजूद इसके उत्तराखंड में अभीतक सैनिक धाम के नाम पर अभीतक कोई शौर्य स्मारक धरातल पर देखने को नहीं मिला है. जिसकी घोषणा तो बहुत बार हुई है.