पद्मविभूषण सुंदरलाल बहुगुणा को था नदी, जंगल, खेत-खलिहान से प्रेम
हिमालय के रक्षक और जाने माने पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा ने शुक्रवार को ऋषिकेश एम्स में अंतिम सांस ली. ऋषिकेश में गंगा किनारे उनका अंतिम संस्कार किया है. सुंदरलाल बहुगुणा प्रकृति की गोद में पैदा हुए थे. नदी, जंगल, खेत-खलिहान देखकर बड़े हुए थे. ऐसे में सहज ही उनको इनसे प्रेम था. यही कारण था कि वो पेड़ों को कटते नहीं देख सकते थे.