शहीद की शौर्य गाथा: मोहन सिंह ने टाइगर हिल पर किया था तीन घुसपैठियों को ढेर - कारगिल विजय दिवस
देवभूमि उत्तराखंड को सैनिकों के अदम्य साहस, शौर्य और शहादत के दम पर वीरभूमि भी कहा जाता है. देश के सम्मान और स्वाभिमान के लिए पहाड़ के चिरागों ने समय-समय पर अपनी देशभक्ति का परिचय दिया है. जिसका लोहा पूरा देश कारगिल युद्ध में मान चुका है. इस महासमर में 75 रणबांकुरों ने अपने प्राणों की आहुति देकर तिरंगे की ताकत को पूरी दुनिया में कायम रखा. इसी में एक थे हल्द्वानी के शहीद मोहन सिंह. हल्द्वानी के नवाबी रोड पर नागा रेजीमेंट के कारगिल शहीद मोहन सिंह का परिवार रहता है. शहीद की पत्नी उमा देवी जब मोहन सिंह की शाहदत के बारे में बताती है तो उनकी आंखों में आज भी आंसू आ जाते है.