सावन में शांत मुद्रा में रहते हैं भगवान शिव, कलयुग में उत्तरकाशी का है खास महत्व
कहा जाता है कि इदं काशी तत काशी सर्वत्र पूज्यते. मतलब देश की दोनों काशियों में भगवान शिव की महिमा एक जैसी ही है. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव कलयुग में उत्तर की काशी उत्तरकाशी में बस गए थे. जिसे पुराणों में सौम्यकाशी भी कहा गया है. भगवान शिव सावन माह में बिल्कुल शांत स्वभाव में रहते हैं. वहीं जो भी भक्त शिव की सच्चे मन से भक्ति करता है. भगवान शिव उसकी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं.